Akhil Maheshwari   (alfaazeakhil)
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एक शोर हैं मुझमें ख़ामोश सा..
Joined 19 December 2017


एक शोर हैं मुझमें ख़ामोश सा..
Joined 19 December 2017
27 APR 2023 AT 20:26

दुनिया में दो लोगो ने मिल कर जो रिश्ता बनाया,
आख़िरी में किसी एक ने ही उसको निभाया..

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7 APR 2023 AT 0:49

प्रभु से मांगा सब कुछ है,
खुद से कमाया मेरा कुछ भी नही..
उनकी ही रहमत के सहारे है जीवन मेरा,
बिना उनके तो है तन नश्वर मेरा..
है उनकी कृपा तो सब सही है,
उनके बिना तो मेरा जीवन, जीवन नही है..

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3 APR 2023 AT 8:04

हमारी ये बैचेनी ये तड़प ये सिर्फ हमारे दुख की वजह से नहीं है.. ये बैचेनी है किसी से न कह पाने की.. किसी के न सुन पाने की, न समझ पाने की.. अपना मन जिसे हम किसी इंसान पर खाली करना चाहते हैं वो हमको लिख कर करना पड़ रहा है.. जिसे लिखना बस मजबूरी है हमारी.. जानते है कोई हमारी समस्या हल नहीं कर सकता.. अपनी हर परेशानी से बस हम ईश्वर के सहारे ही लड़ सकते है.. फिर भी हमको एक ऐसे साथ की जरूरत होती है जो हमारी वेदनाओं का मजाक न बनाए, जो हो बस साथ.. सच में साथ..

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18 MAR 2023 AT 17:28

किसी पसंदीदा शख्स के चले जाने के बाद इंसान का कंधा ताउम्र उस एक कंधे को ढूंढता है जो शायद उसे कभी मिल नही पाएगा वो औरों को अपनी अपनी प्रेमिकाओं संग देख कर सिहरता है और अपने उस सुनहरे पल को याद करता है जब वो उसका पसंदीदा शख्स उसका था भविष्य के सपने थे वर्तमान मे हर सुबह खुशियो से भरी थी हर शाम सुहानी थी हर रात रंगीन थी मगर वक़्त है वक़्त एक जैसा कभी नही रह सकता ना खुशियाँ ठहरती है ना गम रुकता है वक़्त अपने साथ सबको धीरे धीरे बहा ले जाता है ना रोने से कुछ रुकता है ना चीखने चिल्लाने से कुछ मिलता है अफसोस और मलाल भी एक वक़्त पर मर जाता है उदित नारायण और अल्का याज्ञनिक की वो आवाज़ "कभी पतझड़ है कभी सावन है ये आता जाता मौसम है कभी हँसना है कभी रोना है जीवन सुख दुःख का संगम है" सुन कर थोड़ा सुकून मिलता है और खुद को तसल्ली देते हुए सब ठीक हो जाएगा कह कर आगे निकल जाना ही जीवन का आखिरी सत्यार्थ है..

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17 MAR 2023 AT 2:59

ह्रदय प्रशंसित हो उठा है हिन्दुओं का,
अवध मे राम विराजमान होने वाले है..

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10 FEB 2023 AT 22:14

इन कुछ खूबसूरत मद्धिम रातों की तरह तुम्हारा साथ सुकुन और उदासी साथ - साथ दे जाता है। सुकून इस बात का की तुम हो आस-पास और उदासी इस बात की तुम पास भी नहीं, और तुम पर इतना हक भी नही की थोड़ी देर के लिए ही सही तुम्हारा हाथ पकड़ कर तुम्हें बोल पाऊं..... कि "सुनो आज तो रुक जाओ न यही मेरे पास”…
#ख़ैर
#शुभ_रात्रि

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24 JAN 2023 AT 23:25

ऐसा प्रेम जिसमें चाहतें तो बेशुमार हो, लेकिन मिलने की कोई उम्मीद ना हो वो प्रेम जिसको महसूस तो किया जा सकता हैं लेकिन उसको जीना काल्पनिक हो, वो प्रेम नहीं सिर्फ अभिशाप है उन बेकसूर प्रेमियों के लिए जो खुले आसमां में अपना छोटा सा आशियां बसाना चाहते हैं..

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23 JAN 2023 AT 23:52

2 साल का मास कम्युनिकेशन का डिप्लोमा लिए सड़कछाप वैज्ञानिकों को जान की भीख मांगता, रोता-गिड़गिड़ाता संत पालघर तो स्वीकार है
लेकिन धर्मातरण रोकने वाले, विधर्मियों पर गरजने वाले श्री बागेश्वर धाम सरकार खटक रहे हैं ।

#bageswardhamsarkar

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9 JAN 2023 AT 20:55

हम लड़को को तुम्हारे झुमके से लेकर तुम्हारी पायल तक से प्यार होता है,
लड़कियो तुम्हे यह जिस्म वाली गलतफहमियां मिटानी होगी..

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8 JAN 2023 AT 10:14

किसी को किसी की आदतें नहीं बिगाड़नी चाहिए..
लोग तयशुदा वक्त पर किसी का ख्याल रखते हैं, मैसेज करते हैं, फोन करते हैं, एक मिसकाल देते हैं, खाना खाया, नहीं खाया, क्या कर रहे हो, शाम को क्या करोगे, आज का दिन कैसा गया, वीडियो call करें क्या, सूरत तो दिखा दो, नाराज़गियाँ, तमाम रूठना मनाना, प्यार मोहब्बत, अपना ख्याल रखना, मैं हमेशा साथ हूँ, वगैरह वगैरह...
जब किसी वक्त फिर ये नहीं मिलता या लोग किसी को ये सब ट्रीटमेंट नहीं देते तो कलेजा मुँह को आ जाता है क्योंकि आपने किसी की और किसी ने आपकी आदतें बिगाड़ी होती हैं.. वो कोई भी हो सकता है, माँ-पिता, भाई-बहन, यार-दोस्त, प्रेमी-प्रेमिका, पति-पत्नी कोई भी..
किसी की आदतें नहीं बिगाड़नी चाहिए क्योंकि इन सबके अभाव में सब कुछ बिखरा बिखरा लगता है.. रिश्तों के दरकने की ज़िम्मेदारी भी लेनी चाहिए क्योंकि उसके बाद एक इंसान हमेशा के लिए अकेला रह जाता है और जाने वाले को एक रेशा फर्क नहीं पड़ता..
रिश्ते बिगड़ने पर इंसान भी अलग तरह से बिगड़ जाता है..
कंफर्ट ज़ोन में रहकर लोग एक दूसरे के साथ खेलते रहते हैं.. जब मर्ज़ी हुई प्रेम जताया जब मन न हुआ तो कोई मतलब नहीं। दो‌ लोगों में से कोई एक हमेशा तड़पता रहता है.. आप जब अपने स्तर पर स्पष्ट हों कि हम भावुक नहीं प्रैक्टिकल हैं तब कम से कम आप किसी भावुक को मत पकड़िए..
इस दुनिया में सारे कॉम्बिनेशन हैं और बहुत वक्त नहीं लगता आपको ये समझने में कि आप कर क्या रहे हैं! रिश्तों के आपसी तनाव ने बहुत कुछ बिगाड़ रखा है।
कम से कम भावुक लोगों को‌ लपेटे में नहीं लेना चाहिए।
सबके लिए सब कुछ भूलकर आगे बढ़ना आसान नहीं है। कुछ की ज़िंदगी के मोड़ ऐसे मुड़ते हैं जहाँ डेड एंड आ जाता है।
किसी की पीड़ा का कारण बनने से बेहतर है किसी का कुछ भी ना बनना।
और सबसे बड़ी बात आपको हमेशा पता होता है कि आप क्या कर रहे होते हैं..

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