इन रोज़ रोज़ के इम्तिहानों से तो..
वो सालाना इम्तिहान ही अच्छे थे...📖📖📚
"गुरु पूर्णिमा की हार्दिक शुभकामनायें "-
Akhil Khanna
(अखिल)
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कोई लिखे जहां मे,धन के लिए..
कोई लिखे जहां मे,जन के लिए..
मेरे लिए है लिखना,मेरे मन का सुकून... read more
कोई लिखे जहां मे,जन के लिए..
मेरे लिए है लिखना,मेरे मन का सुकून... read more
Joined 7 April 2018
10 JUL AT 21:23
17 JUN AT 10:03
कल बरसों बाद एक मजाक पर बहुत जोर से हंसा..🤣🤣🤣🤣
कोई कह रहा था कि मोबाइल आने से दूरियां कम हो गयी हैं..!!!!-
17 JUN AT 6:26
कभी सोचा भी ना था, कि एक वक़्त ऐसा भी होगा..।
घड़ी तो सबके पास होगी, पर वक़्त नहीं होगा..।।
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19 MAY AT 16:55
आप की आमद का असर, मैं कैसे बयां करूं..।
बिखरे हुए नजारे, आज फिर से गुलशन हो गए..।।
"Happy Birthday"-
16 MAY AT 19:17
कोई चाहे भी तो मेरा साथ, कितना निभाएगा..।
चाहे जितना भी साथ देगा, शमशान तक ही जायेगा..।।-
15 MAY AT 10:38
सांसे किसी का इंतजार नहीं करतीं..
दिल की धड़कनों का ऐतबार नहीं करती..
मौत तो ख्वामख्वाह ही बदनाम है..
ये ज़िन्दगी किसी से प्यार नहीं करती..
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4 MAY AT 9:03
जो फिर से एक बार मैं, काशी को हो लिया..।
यूं लगता है महादेव ने, मेरा सारा विष पी लिया..।।
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