सांसे किसी का इंतजार नहीं करतीं..
दिल की धड़कनों का ऐतबार नहीं करती..
मौत तो ख्वामख्वाह ही बदनाम है..
ये ज़िन्दगी किसी से प्यार नहीं करती..
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Akhil Khanna
(अखिल)
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कोई लिखे जहां मे,धन के लिए..
कोई लिखे जहां मे,जन के लिए..
मेरे लिए है लिखना,मेरे मन का सुकून... read more
कोई लिखे जहां मे,जन के लिए..
मेरे लिए है लिखना,मेरे मन का सुकून... read more
Joined 7 April 2018
20 HOURS AGO
4 MAY AT 9:03
जो फिर से एक बार मैं, काशी को हो लिया..।
यूं लगता है महादेव ने, मेरा सारा विष पी लिया..।।
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20 APR AT 17:56
वक़्त रहते बदल जाना जरूरी है..।
अपनी गलती को समझ जाना जरूरी है..।।
मेरे जुनूं ने जाने कितने बाग़ उजाड़ दिए..।
इसलिए कुछ गुलों को खिलाना जरूरी है..।।
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22 MAR AT 17:17
आँखों मे धोखा देखा है, नीयत मे खोट देखी है..।
हमने बड़े बड़े लोगों की, छोटी सोच देखी है..।।-
2 MAR AT 22:11
अभी ज़िंदा हूं, तो बात कहता रहूंगा..।
जिसे ऐतराज है, मेरी मौत का इंतजार करे..।।-
20 FEB AT 19:17
मुमकिन नहीं की हर कोई , मेरे जज़्बातों को समझे..।
बारिश कितनी भी हो जाये, दश्त में फूल नहीं खिलते..।।-
20 FEB AT 17:17
एक शहर, जिसे हम कहते थे अपना कभी..।
आज उस शहर में, हमें कोई जानता नहीं..।।-