वो
सूखी धरती की प्यास है वो,
बहते पानी की मिठास है वो,
गिरते निर्मल झरनों जैसी,
पहली बारिश का भीना एहसास है वो,
किसी की अधूरी ख्वाहिश के जैसी,
किसी का देखा ख्वाब है वो,
कभी कभी चमकते तारों जैसी,
सर्द रातों का ठंडा मेहताब है वो,
वो प्रीत है, वो प्यार है, वो जीत है, वो हार है,
वो राग है, वैराग है, वो जल है, वो आग है,
वो सुबह है, वो शाम है, वो अधेरी रात तमाम है,
वो रंग है, वो प्यार है, मां लक्ष्मी का शृंगार है,
उसके चेहरे पर मुस्कान न देखना,
वो लम्हा थोड़ा उदास है,
वो कुछ थोड़ी अल्हड़ सी है,
पर मेरे लिए कुछ खास है।
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