Jindgi
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❤ mini shayaar Daau
I'm a On... read more
कुछ दिनों कि बात है हम फिर आयेंगे वापिस
ये इकतरफा मुहब्बत की कहानी अभी तो अधूरी है
मुकाम हासिल करेंगे साहिबा तुझसे इकरार से पहले
तेरे इनकार से पहले इतनी जद्दोजहद तो जरूरी है
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तुम मांगते होंगे खुशियां जहां कि साहिब
मैं खुश हूं की अब वो खुश है मेरे बिना-
लिखकर दास्तां खुद कि यार अंजान बैठे है
इकतरफा इश्क से होकर यार परेशान बैठे है
और शायद उनको नाम तलक न याद हो साहिब
जिनके नाम से हम शायर बदनाम हुए बैठे है-
मुहब्बत को भी कैद करने का हुनर होना चाहिए साहिब
ये जमाना आज भी सिर्फ जिस्म को तवज्जो देता है
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तुम्हारी खुशियों के पैमाने अलग होंगे शहरी बाबू
हम गामा आले है म्हारी मां खुश है तो मैं भी खुश हूं-
मैं छोटे गांव का लड़का हूं
मेरे बहुत छोटे छोटे सपने है
मुझे बड़े शहर का रिवाज नहीं पता
मुझे तो लगते सब अपने है
मैं तो शहर आया था साहिब
बस कुछ कमाने के लिए
मां की दवाई , बच्चो की पढ़ाई
और घर का चूल्हा जलाने के लिए
किस्मत का मारा और हालातों से मजबूर था
मैं अपनी हार के करीब और मंजिल से दूर था
To be continue _ _ _
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यू कुछ कहना क्या अब भी जरूरी है
तुम शहर आली मैं गाम आला बस यही मजबूरी है
तुम बड़े घर की बेटी मैं एक किसान का लड़का हूं
तुम high income वाली हो और मैं जेब से कड़का हूं-
यू तुझसे न कह पाना मुहब्बत लफ्ज़ मेरी कमी रही
चेहरे पर हसीं और तेरे इंतजार में आखों में नमी रहे
चाहता हूं बस इतना इकतरफा मुहब्बत का जब भी सवाल हो
मेरे लफ्ज़ मेरी शायरी ही मुर्शद आखिरी जवाब हो
The_villagers_shaayar_-