तेरे चालाकी भरे पैंतरे तो यूंही गलियों में आज आवारा ना फिरता, भूल तो मेरी नादानियों की ही थीं आज पता लगा ! वरना इस हवस भरी गलियों में मैं आज प्रेम का मारा ना फिरता ।
हे केशरी नन्दन मारुति, आप पवन के वेग समान हो ! अतुलित बलशाली विशालकाय, आप बजरंगबली हनुमान हो ! रामकाज को रहते आतुर, आप पवन पुत्र हनुमान हो ! दीन दुखियों के दुःख को हरते, आप कलयुग के भगवान हो ।
तुम साथ चलने का वादा तो करो, हम तुम्हारे क़दम से, क़दम ज़रूर मिलाएंगे ! तुम हर हाल में मेरे ही रहोगे ये हामी तो भरो, हम अपनी पूरी जिन्दगी तुम्हारे जी हुजूरी में गवाएंगे ।