हर एक वक्त मेरे जहन में है तू,
पर पता नहीं क्या रिश्ता हमारा है।
नहीं हुई अबतक कोई गुफ्तगू हमारी
और ये वक्त बस गुजरता जा रहा है।-
Please follow if you like and want to support 😊
Every 1 follow ... read more
तेरे बाहों में खोने का दिल करता है।
बस तुझमें फना होने का दिल करता है।
ये दुनिया मेरी हो न हो फ़र्क नहीं मुझे,
अब बस तेरा होने का दिल करता है।-
जबसे दोस्तों के साथ उठना बैठना छोड़ दिया।
उस दिन के बाद मैने अपना बचपना खो दिया।
जिद्दी हुआ करते थे हम भी कभी,
सपनों की डोर से ख्वाबों की पतंग उड़ाया करते थे।
रूठ जाते थे बेबात, क्योंकि सब हमें मनाया करते थे।
जबसे जिद्द जिम्मेदारियां में बदल गईं।
अपनों से मुंह मोड़ना छोड़ दिया।
उस दिन के बाद मैने अपना बचपना खो दिया।
बेपरवाह हुआ करते थे हम भी कभी,
चिलचिलाती धूप में बागों में जाया करते थे,
माली के आने पर कभी कभी, डांट भी खाया करते थे।
पर जबसे शर्म ही धूप जैसे खाने लगी तो,
मैंने शरारत करना छोड़ दिया।
उस दिन के बाद मैने अपना बचपना खो दिया।-
ताउम्र एक शख्स का इंतज़ार किया हमने,
बस दिल भर कर उसका दीदार करने के लिए।
एक दिन वो आया वो कहने लगा,
जिंदगी बहुत छोटी है किसी का इंतज़ार करने के लिए।-
Naye hai hum in shehar ki galiyon me,
Hath pakad kar pura shehar ghumaoge kya?-
मोहब्बत की राहों में दर्द और तन्हाई मिले हमें,
शायद उन्हें हमसे थे, पर नहीं थे कोई गिले हमें,
आज भी हमसे रुखसत होके बेइंतिहा खुश हैं वो,
पर हमें अब भी उनकी यादों का दिल-ए-गम हैं-
दिल पर छाई दीवानगी ऐसी,
कि हम बैठे-बैठे कहीं खो गए।
दिन तो कुछ ही हुए तुमसे ना मिले,
पर लगता है जैसे सालों हो गए।-
मैं रात भर यूंही रोता रहा,
तेरी यादों को किनारे लेके...
फिर सुबह तक मैं सोता रहा,
उस ज़ाम को सहारे लेके।
मैं सोचता रहा रात भर,
बस बात यही एक जहन में...
कहीं पछता तो नहीं रहा हूं मैं,
ये प्यार की खुमारी लेके।-
मिलके तुझसे लगा कि,
खुद से रूबरू हुआ हूं।
जानें क्यों मैं अब तक,
इन अंधेरों में रहा हूं,
तू सूरज हैं गर जो मेरा,
तेरी रोशनी में अब तो...
अंधेरों को अब छोड़ मैं,
खुद ही सवेरा हुआ हूं।-
मैं रुकता, थमता, कुछ था कहता...
दिल में तेरे लिए, वो प्यार है रहता...
होती गर मंजूरी तेरी भी उसमें,
तो तेरे खातिर मैं, हर वार को सहता...-