कृष्ण न होते तो अपने बालक के बचपन में माँएँ लीलाएँ कैसे देखतीं, सुदामा जैसे मित्र की झिझक कैसे दूर होती, उद्धव को प्रेम का पाठ कौन पढ़ाता, नरकासुर से सोलह हज़ार कन्याओं को कौन छुड़ाता, शिशुपाल के निन्यानवे अपशब्दों वाली सहनशीलता कौन
सिखाता..
राधा, और मीरा वाले प्रेम का सूत्रधार कौन होता, सूरदास, रसखान तब काव्य किसके लिए रचते, कंस और जरासंध के वध को संभव कौन बनाता, और कृष्ण न होते तो अर्जुन को कर्म का ज्ञान कैसे होता, न श्रीमद्भगवद् गीता होती और न समस्याओं का समाधान होता-
इंसान कितना खुदगर्ज हो सकता है कभी किसी से कुछ उम्मीद न रखने वाले वो बेजुबान जो शायद अपनी तकलीफ भी न बता सके उन्हें किसी कूड़े कचरे जैसे उठा कर फेक देने का हुक्म दे दिया गया वो बेजुबान जो इंसानों से ज्यादा वफादार ओर सच्चे हैं जो बिना किसी तनख्वाह के आपके और हमारे घर और गलियों की हिफाजत करते हैं सिर्फ उसकी चाहत थी सिर्फ थोड़ा सा प्यार एक पांच रुपए वाला परले जी घर की बची रोटियां पर अगर हम वो भी न दे पाए तो ये सोचिएगा जरूर की क्या हम सच में इंसान कहलाने के लायक हैं जिन बेजुबानों ने अपनी जिंदगी हमारी गलियों की हिफाजत करने में लगा दी अगर आज हम उनकी हिफाजत करने की बजाए खामोश रह गए तो एक दिन हमारी भी यही हालत होगी और यकीन माने उस दिन कुदरत भी सिर्फ खामोश हो कर तमाशा ही देखेगी। एक बार सोचिएगा जरूर।
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अब रक्षा की ज़रूरत है एक बहन को, तो इस समाज की सोच से और चाहिए कि बस चुपचाप साथ खड़ा रहे उसका भाई हर मुश्किल में और जब वो अपना आसमान खोज रही हो तो हर उड़ान में.
बाक़ी तो खुले घूमते जानवरों का मुँह तोड़ देना उन्होंने सीख ही लिया है.-
लिखे जाने जैसा मुझ में क्या ही है नहीं पता.
लिखे जाने लायक तो तुम हो, कमाल है, हर बात, हर अदा पुरकशिश है तुम्हारी. लिखे जाने लायक कोई है जिस पर कलम की स्याही ख़त्म कर दी जाए, तो बस तुम ही तो हो !-
आँखों में आँसू, लबों पर सिसकियाँ थीं,
तुम्हारी हर एक बात में टूटी उम्मीदें छिपी थीं।
वो जब तुमने कहा "मुझे छोड़कर ना जाना कभी,
वरना ये साँसें भी साथ छोड़ देंगी तभी।"
दिल काँप उठा, रूह तक रो पड़ी,
उस दर्द ने मेरी सारी दुनिया मोड़ दी।
कैसे कहूँ, मैं भी तुझमें ही जीता हूँ,
तुम्हारे बिना हर लम्हा अधूरा सा जीता हूँ।
कसम है मुझे तेरे हर आँसू की,
छोड़ जाऊँ तुझे, इतनी हिम्मत नहीं बाकी।
मौत की बात मत कर मेरी जान,
तेरे बिना तो मेरी भी दुनिया सुनसान।
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मेरे कमरे की खिड़की से चाँद दिखाई नहीं देता, तो मैंने यूँ किया कि खिड़की के बगल में तुम्हारी एक तस्वीर लगा ली है
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प्रेम में पड़ने की समस्या तो कतई नहीं है, समस्या है इसे चलाए रखने की.
प्रेम का रोमांच और बातें बनी रहें पहले दिन सी, यही बस एक वक़्त के बाद कठिन होता जाता है.
और बस यही वाला भाव तो प्रेम है असल में.-
ढाई सौ से ज़्यादा लोगो ने कितनी उम्मीदों के साथ उड़ान भरी, किसी को परदेस जा कर अपने अधूरे सपनों को साकार करना था तो कोई अपने जीवन की सभी परेशानियों से कुछ पल की छुट्टी ले कर अपने परिवार के साथ कुछ पल सुकून के बिताना चाहते थे ये उड़ान कुछ लोगों का जीवन उड़ा ले गई किसी के जीवन भर के सपने उड़ा ले गई किसी के अपने उड़ा ले गई लेकिन जो हुआ वो बहुत बुरा था.
जीवन हमारे हाथ में नहीं, और न ही हम कंट्रोल कर सकते हैं लेकिन इंसान जीवन भर अपने आपको एक डब्बे सी मानसिकता में क़ैद करके रखता है. न इंसान को इंसान समझता है, और न ही अपने खुद के दिल के कहे को सुनता है. कल क्या पता काश कहने का भी मौका न मिले
ऊपरवाला उन सभी की आत्माओं को शांति प्रदान करे और उनके परिवार को ये असीम दुख सहने की शक्ति दे.!!-
भेज देती है फ़ोटो वो जब भी कुछ नया पहली बार पहनती है साड़ी, सूट या कुर्तियाँ, वो चाहती है दिखाना सबसे पहले मुझे, जैसे इश्क़ की किसी रस्म की तरह
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Boring si zindagi me thoda fun daalo Jaha dikhe chehra saaf rang daalo!
Bura na maano holi hai.
Happy Holi.-