अब भूल जाओ तुम वो सारी हमारी बातें और प्यारी सी मुलाकातें, कि... अब भूल भी जाओ तुम वो सारी हमारी बातें और प्यारी सी मुलाकातें, दर्द ऐसे दिये है तुमनें हमें कि अब हम तो कभी ना आ पायेंगे तुम्हारे पास, आयेंगी तो बस मेरी यादें...
वो हमसे हमारी बेरुखी का हर पल हिसाब माँगते हैं, कौन किसके लिए क्या था ये हम दोनों ही जानते हैं, खुद खत्म किया हैं उन्होनें हमारे बीच के रिश्ते को, पर जनाब तो बस हमें ही इसका गुनहगार मानते है...