Akash Sharma   (Akash Sharma)
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Joined 26 March 2020


Joined 26 March 2020
27 JUN AT 23:06

न जाने मुझे जिंदगी से क्या चाहिए,
फिर दिमाग में आता है कि कोई तो अपना होना चाहिए।
अकेले तो चल ही रहे है राह में कबसे,
कभी तो ये अकेलापन भी भरना चाहिए।

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23 JUN AT 10:19

किसी को अब भला कबतक याद करते रहे,
यू ही घुट घुट के भला कबतक मरते रहे।
मैने तो अपनी जिंदगी का तमाशा बना रखा है,
खुद ही खुद से भला कबतक लड़ते रहे।।

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22 JUN AT 22:38

पल दो पल की है जिंदगी कृपया उस पर ध्यान दीजिए।
जेब में जितना पैसा हो उसी हिसाब से काम कीजिए।।

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19 JUN AT 15:23

जो तुझे बात न करनी है तो तू न कर,
आंखों से ही अपना हाल बयां कर।
जो बाते न कह सके तू इन हसीन लफ्जों से,
उसे अपने कोमल हाथों से पन्नो पर लिखा कर।।

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15 JUN AT 12:11

भीड़ में होकर भी मैं किसी का सहारा ढूंढता हू,
जैसे कसती पर फंसा हुआ इंसान किनारा ढूंढता हो।
मैं समंदर की लहरों से नहीं हारा था,मैं तो बस जिंदगी की तेज धूप से छुटकारा ढूंढता हू,
जिंदगी तो चल रही है बस मैं वही हू जैसे एक बेसहारा लकड़ी का सहारा ढूंढता हो।

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15 JUN AT 12:01

कई बार सोचता हू कि क्यों न फिर एक बार उठ खड़े हो,
जिंदगी की एक ऐसी लड़ाई लड़ ले जो आज से पहले कभी न लड़े हो।
मन में फिर वही ख्याल आता है कि साला कौन समेटे खुद को फिर से बिखर जाने के लिए,
जब कोई है ही नहीं जख्मों पर मरहम लगाने के लिए,
वैसे भी मेरे होने या न होने से किसको फरक पड़ता है,
अब यहां कौन बैठा है पीछे रोने के लिए,
कई बार सोचता हू कि क्यों न फिर एक बार उठ खड़े हो,
जिंदगी की एक ऐसी लड़ाई लड़ ले जो आज से पहले कभी न लड़े हो।।

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14 JUN AT 23:41

चलो माना कि तुम किसी और की हो मगर मैं यहां क्यों हू,
जबसे तुमको देखा है मैं तुममें ही गुम क्यों हू।
क्यों मिलवाया तकदीर में हमें कुछ इरादा तो होगा,
अगर एक नहीं होना था हमे तो मैं तुममें समाया क्यों हू।।

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14 JUN AT 23:34

अफसोस ये कि हम एक साथ नहीं है,
गम इस बात का की वो मेरे पास नहीं है।
कब क्या और कैसे होना है ये हम तय नहीं कर सकते,
बाते तो होती रहती है अक्सर लेकिन वो पहले जैसी बात नहीं है।।

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14 JUN AT 17:32

तेरे लिए दिल में उठते जो अरमान है,
कैसे बताओ कि तू तो मेरे लिए भगवान है।
सोते जागते बस एक तेरी तस्वीर रहती है मेरे सामने,
तू फरिश्ते जैसे है मेरे लिए बाकी सब इंसान है।।

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13 JUN AT 22:27

उसके पास बात करने का वक्त नहीं है और मेरे पास बात करने वाला कोई नहीं।
सोचता हूं फिर एक बार किसी के प्यार में पड़ जाऊ,ये आंखे न जाने कबसे रोई नहीं।।

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