न जाने मुझे जिंदगी से क्या चाहिए,
फिर दिमाग में आता है कि कोई तो अपना होना चाहिए।
अकेले तो चल ही रहे है राह में कबसे,
कभी तो ये अकेलापन भी भरना चाहिए।-
किसी को अब भला कबतक याद करते रहे,
यू ही घुट घुट के भला कबतक मरते रहे।
मैने तो अपनी जिंदगी का तमाशा बना रखा है,
खुद ही खुद से भला कबतक लड़ते रहे।।-
पल दो पल की है जिंदगी कृपया उस पर ध्यान दीजिए।
जेब में जितना पैसा हो उसी हिसाब से काम कीजिए।।-
जो तुझे बात न करनी है तो तू न कर,
आंखों से ही अपना हाल बयां कर।
जो बाते न कह सके तू इन हसीन लफ्जों से,
उसे अपने कोमल हाथों से पन्नो पर लिखा कर।।-
भीड़ में होकर भी मैं किसी का सहारा ढूंढता हू,
जैसे कसती पर फंसा हुआ इंसान किनारा ढूंढता हो।
मैं समंदर की लहरों से नहीं हारा था,मैं तो बस जिंदगी की तेज धूप से छुटकारा ढूंढता हू,
जिंदगी तो चल रही है बस मैं वही हू जैसे एक बेसहारा लकड़ी का सहारा ढूंढता हो।-
कई बार सोचता हू कि क्यों न फिर एक बार उठ खड़े हो,
जिंदगी की एक ऐसी लड़ाई लड़ ले जो आज से पहले कभी न लड़े हो।
मन में फिर वही ख्याल आता है कि साला कौन समेटे खुद को फिर से बिखर जाने के लिए,
जब कोई है ही नहीं जख्मों पर मरहम लगाने के लिए,
वैसे भी मेरे होने या न होने से किसको फरक पड़ता है,
अब यहां कौन बैठा है पीछे रोने के लिए,
कई बार सोचता हू कि क्यों न फिर एक बार उठ खड़े हो,
जिंदगी की एक ऐसी लड़ाई लड़ ले जो आज से पहले कभी न लड़े हो।।-
चलो माना कि तुम किसी और की हो मगर मैं यहां क्यों हू,
जबसे तुमको देखा है मैं तुममें ही गुम क्यों हू।
क्यों मिलवाया तकदीर में हमें कुछ इरादा तो होगा,
अगर एक नहीं होना था हमे तो मैं तुममें समाया क्यों हू।।-
अफसोस ये कि हम एक साथ नहीं है,
गम इस बात का की वो मेरे पास नहीं है।
कब क्या और कैसे होना है ये हम तय नहीं कर सकते,
बाते तो होती रहती है अक्सर लेकिन वो पहले जैसी बात नहीं है।।-
तेरे लिए दिल में उठते जो अरमान है,
कैसे बताओ कि तू तो मेरे लिए भगवान है।
सोते जागते बस एक तेरी तस्वीर रहती है मेरे सामने,
तू फरिश्ते जैसे है मेरे लिए बाकी सब इंसान है।।-
उसके पास बात करने का वक्त नहीं है और मेरे पास बात करने वाला कोई नहीं।
सोचता हूं फिर एक बार किसी के प्यार में पड़ जाऊ,ये आंखे न जाने कबसे रोई नहीं।।-