मेरा लिखा हुआ सब भूल जाता हूँ मैं
एक तू है कि जहन से निकलता ही नहीं-
Akash Sharma
(Aaकाश)
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लहरों जैसा चंचल नहीं, मैं Aaकाश जैसा शांत सही हूँ।
Joined 6 April 2019
11 NOV 2022 AT 23:00
10 AUG 2022 AT 20:46
ये सोचकर भी जनाब तुम कमाल ही करते हो
इंसानियत की उम्मीद इंसान से करते हो
महानता नहीं, ये महज भूल है तुम्हारी
खुद को भुलाकर सारे जहाँ से प्यार करते हो-
27 JUL 2022 AT 21:53
मैं अंधेरा सा फैला हूँ,
तुम चिरागों की बात करते हो
मैं खामोशी कहता हूँ,
तुम इशारों की बात करते हो
ज़मीं पर ही तो बैठा हूँ मैं,
फिर भी गिराने की बात करते हो
बहुत तकल्लुफ़ हुआ यहाँ तक आने में,
तुम वापस ले जाने की बात करते हो-
24 JUL 2022 AT 19:53
तुम सुन लो, मेरे लिए काफी है
दुनियाँ को तो मुझे सुनाना भी नहीं है-
23 JUN 2021 AT 12:53
उन्हें भूलने का वादा कर आए हैं,
जिन्हें हर साँस में याद करते हैं।-
11 AUG 2020 AT 23:15
हाल ही पूछ लेते गर
तो कुछ बात हो जाती
कुछ देर और रुक जाते
तो मुलाक़ात हो जाती-
25 JUL 2020 AT 16:32
एक अदा तो उसकी ना में भी थी
कि मोहब्बत उससे हमें आज भी है
इतना करीब से कहा अलविदा उसने
कि इंतज़ार उसका हमें आज भी है-