मुझे नाज़ है हमारे प्यार पर
इस नाकाबन्दी में तुम आज भी किसी गलियों से गुजरकर मुझे ख्वाबों में मिलने आती हो!-
Akash Pandya
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Joined 3 January 2017
9 APR 2020 AT 16:41
5 APR 2020 AT 12:45
हा गुनहगार हूँ मै तुम्हारी मौत का
मेरे मुंह से निकला हुआ हथियार मेने कही दफना दिया है!-
1 APR 2020 AT 14:00
घरबंदी के फैसले ने कैद कर दिया मुझे अपनी ही चार दिवारों के बीच,
तुम्हारी तस्वीर अब अपनी दिवारों पर ना लगाने का मुझे अफसोस हो रहा हैं!!-
30 MAR 2020 AT 12:18
ये बीमारी का कहर मेने जान लिया है
अभी जहा पर हूं उसी को घर मान लिया है!-
29 MAR 2020 AT 12:55
एक बात तो तय है
जश्न -ए- रात से खामोश -ए-शाम
ज़्यादा याद रखी जाएगी!-
7 FEB 2020 AT 15:18
दुनिया से परे, में तेरे पास...
बहोत काँटे चुबे, ओर एक गुलाब की आस!-
3 FEB 2020 AT 11:47
डूब गई थी ज़िंदगी जाम के प्याले में...
चाई की चुस्कियों ने मामला संभाल रखा है..!!-
31 JAN 2020 AT 14:40
देखो कुदरत के नज़ारे, रंग कितने गहरे है...
रोशन हुईं आँखे पर हाथ कितने मेले है...!-
30 JAN 2020 AT 17:22
मेरी ज़िंदगी एक पेड़ जैसी हो गई है
कोई भी काट कर रास्ता बना लेता है।।-
28 JAN 2020 AT 17:07
में भी हूँ, समुंदर भी है ओर जाम भी
काश तुम भी होती तो अच्छा होता।-