शायद अगली एक कोशिश तक़दीर बदल दे
ज़हर तो जब जी चाहे खाया जा सकता हैं !!-
Trying_to_write___✍️❣️
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शायद अगली एक कोशिश तक़दीर बदल दे
ज़हर तो जब जी चाहे खाया जा सकता हैं !!-
दफन करदो किताबे ख्याल पैदा होगा,
जितना रोकोगे उतना सवाल पैदा होगा।।-
खो रहे हैं दोनों, एक दूसरे में,
जैसे सर्दियों की शाम मेें धुँआ !!
ये पानी भी तेरा, आईना हुआ,
सितारों में तुझको है गिना हुआ !!-
रंग फीके पड़ जाते है,
चेहरे की मुस्कान फीकी पड़ जाती है ,
जब कोई अपना रंग बदल देता है ✍️-
ढलती हुई इस सांझ ने
फ़िर से पुकारा है तुम्हें ,
गर हो मुहब्बत .. तो चले आओ ..❤️-
मेरी मुस्कुराहटों पर मत जाना,
ये दिखावटी दुनियां का ही हिस्सा हैं...-
गजब का रिश्ता हो गया है
बात दोनों नहीं करते
मगर याद दोनों करते हैं....-