Akash Kumar Verma  
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*Engineer
www.facebook.com/thebadnaamshayar
Joined 18 December 2017


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23 MAY 2019 AT 17:48

Jiji maa suna
Bhabhi maa bhi logo ne sunaya h ,
Mera bhai bhi meri maa h ye aaj usne jtaya h,
Meri maa se bhi jyada aaj mujhe uski goud me sukun aaya h ,
Uske gale lag kar khud ko rula kar aaj sukun paya h,
Bhai tu bhai hi nahi ,
mere liye meri maa ka saya hai ,
Maine tumhe papa sa gusse me jalta aur paiso ki kami ko pura karta paya hai ,
Shayad yahi reason tha ,
Ki sirf papa ka darja diya tumhe ,
Pr tu to ek maa ka bhi saaya hai ,
Bhai tum bhai hi nahi ,
Tumne bhai maa bn k dikhaya hai .

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26 MAR 2019 AT 21:46

सिर्फ मिलना ही प्यार का मुक़ाम नही होता,
इसको मन्ज़िल तक पहुचाना आसान नही होता,
मिल के बिछड़ना ही हर प्यार का अंजाम नही होता,
जो मिल जाये वो प्यार दुनिया की नज़रों में महान नही होता ।

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19 MAR 2018 AT 22:25

Tujhe yaad karne ki aadat jaati nhi hai,
Tujhe ignore karne ki aadat aati nhi hai

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15 MAR 2018 AT 1:21

ये एक अलग सा अहसास है,
जो बेहद अलग और बहुत ख़ास है,
हमेशा लगती तू आस पास है,
दोस्ती से ज्यादा प्यार से कम है,
इस रिश्ते में बस है खुशिया ना कोई गम है,
एक दूसरे को पूरा करते हम है,
इस रिश्ते की अलग सी सच्चाई है,
समझ जाओ तो बहुत सी अच्छाई है,
ना समझो तो बस लड़ाई है,
इसको ऐसे ही निभाएंगे ये वादा है
ये प्यार से कम दोस्ती से ज्यादा है,
तेरे संग ऐसे ही जीने का इरादा है।

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13 MAR 2018 AT 1:47

क़ाश.....
मैं जल्दी से बड़ा हो जाता
जो चाहता वो कर पाता
बड़ा हो के मैं भी बड़ो वाले रौब जमाता
अपनी जिंदगी अपने हिसाब से चलाता

क़ाश.....
मैं जल्दी से सेटल हो जाता
जिंदगी के सारे मज़े उड़ाता
जिम्मेदारियों को बखूबी निभाता
सबको ढेर सारी खुशियाँ दे पाता

क़ाश.....
कोई मिल जाए जिसे अपना कह पाता
मिल जाए तो उससे दूर ना जाता
उसकी खुशियों के लिए कुछ भी कर जाता
ज़िन्दगी बड़ी सुकून से बिताता

क़ाश.....
थक गया हूं जिम्मेदारियों का बोझ उठाते उठाते
कितना अच्छा होता जो बचपन लौट आता
मस्त मन मौजी सा घूमता फिरता
दोस्तो संग मस्ती का लुत्फ उठाता

क़ाश बचपन फिर लौट के आ जाता.....

क़ाश.....

क़ाश की हो चली है जिंदगी.....
भूल बैठे की इस पल का सालो से इंतज़ार किया है
जाने क्यों लौट के पीछे जाने का विचार किया है
सपने बड़े है डगर भी लम्बा होगा
वापस जाने के सोच विचार से क्या होगा
अब आपकी मर्जी है चाहे आज में जिओ
या फिर हमेशा क़ाश में जिओ 😊😊

क़ाश..............

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13 MAR 2018 AT 1:40

ढूंढ लेना मुझे....
इस दुनिया की भीड़ में
बैठा हूँ मैं कही थक हार के
ढूंढ लेना मुझे....
अपनी तकदीर में
बैठा हूँ मैं तेरे ही इंतेज़ार में
ढूंढ लेना मुझे....
कभी अपना मान के
दौड़ा चला आऊंगा मैं बस तेरे प्यार में
ढूंढ लेना मुझे....💝💖

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13 MAR 2018 AT 1:38

दुख भी दूंगा,
प्यार भी करूँगा,
सच भी कहूँगा,
झूठ भी कहूँगा,
रो भी लूंगा,
हँस भी लूंगा,
पर वादा है तुझे दुनिया की भीड़ में भी फ़क्र से अपना कहूँगा,
तेरी तकलीफे जब तक दूर ना करलू तब तक चैन से ना बैठूंगा,
जानता हूं तुझे पसंद है ख्वाब बुनना,
अच्छा लगता है मूझे तेरी बातें सुनना,
अच्छा लगता है मुझे, तुझ संग झगड़ना भी,
झेल पाओ मुझे, हाथ पकड़ना तभी.... 😊😊

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10 MAR 2018 AT 13:58

Yup eagerly waiting and if you can give it to me that's the best part, cause your anxiety will not affect me. But it may make you happy ☺️☺️

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10 MAR 2018 AT 3:31


10 MAR 2018 AT 3:09


सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

अब खुद से लड़ना छोड़ दिया है,
तेरी यादों के साथ से डरना भी छोड़ दिया है,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

अब तेरे कॉल का इंतज़ार करना भी छोड़ दिया है,
ज़िन्दगी को एक नई दिशा में मोड़ दिया है,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

तेरे बिना भी सीख लिया है हँसना,
बंद कर दिया है तुझपे और खुद पे तंज़ कसना,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

अब रातों को नींद भी आ ही जाती है,
तेरी गुड़ मॉर्निंग टेक्स्ट तो नही पर जाने कैसे अपने आप ये आँख खुल जाती है,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

कभी उदास होता हु तो लिखता हूं,
पर एक बात है हमेशा हँसता हु,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

पर पता है कभी कागज़ पे लिखने की नही सोचता हूं,
आँखों से पसीने आते है ,स्याही फैल सी जाती है,कागज गिला हो जाता है, जब भी लिखता हूं,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

पर पता है अब जोर जोर से हँसने की आवाज़ मेरे कमरे से नही आती,
कोई मुझे अब तेरे मेरे सपने वाले एपिसोड्स नही सुनाती,

सुन अब फ़र्क़ नही पड़ता....

अब टाइम पे उठ जाता हूं ,खा भी लेता हूं, नहा भी लेता हूं,
और जब भी तेरी याद आती है ना तो ऐसे ही खुद को समझा भी लेता हूं,

अब फ़र्क़ नही पड़ता....
फ़र्क़ नही पड़ता....
नही पड़ता....


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