मुहब्बत अगर सिर्फ चेहरे से हो.....
तो उनकी तस्वीर फोन से मिटा के अभी भूल जाए हम उनके गली में कभी कदम न रखे और
उनका शहर भी छोड़ चले जाएं हम.....
पर जब इश्क उनकी बातों से.... इश्क़ हो उनके आवाज़ से ........इश्क़ हो चैट करते हुए उनके पास होने के अहसास से .....
तो फिर कौन सा तरीका अपनाएं हम.......
ए खुदा कैसे उनको भूल जाए हम...-
Fan of 'संत कबीर'
शिलं परम् भूषणं 😌
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“गिरना भी अच्छा है,
औकात का पता चलता है…
बढ़ते हैं जब हाथ उठाने को…
अपनों का पता चलता है!
जिन्हे गुस्सा आता है,
वो लोग सच्चे होते हैं,
मैंने झूठों को अक्सर
मुस्कुराते हुए देखा है…
सीख रहा हूँ मैं भी,
मनुष्यों को पढ़ने का हुनर,
सुना है चेहरे पे…
किताबो से ज्यादा लिखा होता है…!”
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कल हवा में बिखर गया था मैं,
फिर न जाने किधर गया था मैं,
वो था इक ख़त्म होते रस्ते सा,
उसपे चलकर ठहर गया था मैं,
देर तक उसका इन्तेज़ार किया,
फिर अकेला ही घर गया था मैं,
उसकी आंखों में एक दरिया था,
जिसमें इक दिन उतर गया था मैं।-
इश्क हुआ है हमसे तो
हमसे मुलाकात कीजिए
आप वफा की उम्मीद रखते है
पहले खुद तो वफा कीजिए-
मेरी वजूद में काश तु उतर जाये
मैं देखूं आईना और तू नजर आए
तू हो सामने और वक़्त ठहर जाए
ये जिंदगी तुझे यूं ही देखते देखते गुजर जाए-
तेरे होने पर खुद को तन्हा समझू,
मैं बेवफा हूं या तुझको बेवफा समझू,
जख्म भी देते हो मरहम भी लगाते हो,
ये तेरी आदत है या इसे तेरी अदा समझू..!!-
किसी लड़के के बरबादी की कहानी न होती
अगर लड़कियां पैसों की दीवानी न होती-
दिल तोड़ मेरा मुस्करा के चले गए तुम
अपने वादों का जनाजा निकल गए तुम
क्या खता थी हमारी ये तो बता जाते
खुद से ज्यादा भरोसा करने के सजा दे गए तुम-
हमे भी जब प्यार करने का खयाल आया
जब भी ये खयाल आया खुद को अकेला पाया
ढूंढते रहे इस दुनिया में हमसफर पर
हर एक को धोखेबाज हर किसी को बेवफा ही पाया-
आग दिल में लगी,जब वो खामोश हो गए
महसूस हुआ जब वो जुदा हो गए
करके वफा कुछ दे न सके वो
पर बहुत कुछ दे गए , जब वो बेवफा हो गए-