मुश्किलो में साथ तो पराये देते है,अपने तो सिर्फ केहने को हमसफ़र है....
आँखों के अंदर गन्दगी का समंदर है,सिर्फ केहने को साफ़ नज़र है....
मुस्कुराते हुए चेहरों के पीछे हज़ारो गम है,सिर्फ केहने को खुशिया चारो पहर है....-
shayaris #
#*song lyrics # # #
:;;;;;Simplicity is my speciality;;
# #sometim... read more
हम दूर जा रहे है उससे ,वो तो पास आने लगी है,,
क्या बताऊँ आज कल अख़बार की बेकार खबरे भी रास आने लगी है....
हम भूल गए थे उसे और उससे किये गए वादों को,,
पर आज वो हमें हमारी गलतियों का एहसास दिलाने लगी है...
दोनों ने मिलकर देखे हुए ख्वाब बिखरे है इधर उधर,,
फिर क्यों उन ख्वाबो को वो अकेले ही सिलाने लगी है...
चातक जीता तो है बरसात की बूंदों पर,,
पर वो तो अपने आँसुओ से ही खुदकी प्यास बूझाने लगी है...
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आसमाँ में देखो कोई सितारा टूटा तो नहीं,,
उनका हमें नज़रअंदाज़ कर देना कही झूठा तो नहीं......
बार बार क्यूँ झांकते हो दिल की तिजोरी में,,
कही तुम्हारे दिल का खजाना किसी ने लूटा तो नहीं...
गमलों में खिलते हुए फूल सूख से गए है,,
बादलों से पूछो कही वो रूठा तो नहीं....
वो हमसे नज़रे मिला नही पाती थी,,
कही हमसे किया हुआ कोई वादा उनसे छूटा तो नहीं....-
उनके खयालो में सुबह से शाम तलक का वक़्त यूँ ही बेकार जाता था,
हर बार मोहब्बत का जिक्र करके भी उनके तरफ से इनकार आता था.....
उनके चेहरे की चमक देखके सितारा भी बादलो पार छुप जाता था,
उनकी आँखों से निकलता हर आंसू काटो की तरह हमे चुभ जाता था.......
वो भले ही क़ुबूल न करे हमारी मोहब्बत को,
लेकिन हमारे लिए उनका इश्क़ उनके हँसते लबो से हमें जताया जाता था......-
तेरी मुस्कुराहट से मुस्कुराता है मेरा दिन....
तेरा मोबाइल नंबर बन चूका है मेरे Phonepay का UPI पिन..........-
मै चाहता हूँ उसे, वो किसी और को है चाहती,ना जाने कौनसा है वो रिश्ता जो मेरे साथ है निभाती......
वो हँसाती तो है मुझे उसकी झुठी मुस्कुराहटों से,,पर उस मुस्कुराहटो के पीछे क्यों खुदका दर्द है छुपाती.....
बित गए कितने भी लम्हे,हर लम्हे में बस तुम और हम है,,पर क्यों हर बात में वो उसका जिक्र है लाती.....
आयी ज़िंदगी में इत्तेफ़ाक़ से,फिर कैसे बनी वो ज़रुरत मेरी,,
अब दिल मेरा हर पल कर रहा है इबादत तेरी.....
उसके आने मेरा हर पल है खिला,दिनों बाद आज में अपने आप से मिला,,
बनके साया वो साथ चले मेरे,इतनी सी ख्वाइश खुदा करे पूरी.......-
आप हमारे करीब ना होने पर बेकार की वो बारिश की बूँद थी,,
जीन्हे आदत थी आपके जुल्फ संवारने की,वो उंगलीया अब आप ही को ढूँढती....-
हम अपने दिल की बात भी आपसे केह नहीं पा रहे है...
क्योंकि हमारे दिल पे आपकी हुकुमत जो चलतीं है......-
दिल के शहर में अब घना अंधेरा है छाया,तेरा इश्क मुझे ऐसे मुकाम पे है लाया,,,
अब इस शहर में एक ही सवाल गुंजता है,की तुझे अब तक ना था पाया,फिर भी कैसे गवाया..-
अब ना पेहले जैसी बातें होती हैं,ना मै उसकी और वो मेरी हालत पूछती है,,,
धुप होके भी उसकी याद में,मेरे दिल की जमीन अब आँसूओं से भीगती है.....-