आज मैं अपनी ही बात बताऊं क्या.?
ख़ुद को तुमसे मिलवाऊं क्या.?
मैं क्या सोचता हूं, क्या चाहता हूं?
आज तुम्हे बताऊं क्या..?
मेरे अंदर छुपे एक अजनबी से..
तुम्हे मिलवाऊं क्या.?
आज मैं अपनी ही बात तुम्हे बताऊं क्या.?
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पहले जो मैं था, कहां हूं अब मैं..
पहले अपनो के साथ था,अब अकेला हूं मैं..-
आंखों में लेकर ख़्वाब चले,
वो ख़्वाब जो दिन रात जले..
उम्मीदों से भरे इस सफर में,
सबका प्यार हम लेकर चले..
उड़ान ऊंची भर पाएं कुछ ऐसा काम करे..
आंखों में लेकर ख़्वाब चले,
वो ख़्वाब जो दिन रात जले..
थक भी जाएं हम, फिर भी रुके नहीं,
ख़्वाब हमारा कभी मिटे नहीं..
कोई साथ ना हो, फिर भी हम अकेले चले..
आंखों में लेकर ख़्वाब चले,
वो ख़्वाब जो दिन रात जले..
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आज का सवेरा ख़ास हैं..
हमारा भारत ख़ास हैं..
स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं🇮🇳-
फिर से वह दिन लौटा है..
फिर से दिन में अंधेरा छाया है..
बंद है बाज़ार सारे,
सड़को पर सन्नाटा छाया है..
कोरोना की मायाजाल ने..
फिर एक बार सबको बझाया है..
कितने लापरवाह है हम..
यह आईना हमे दिखाया है..
नया विकराल रूप धारण कर कोरोना ने..
मौत का तांडव दिखाया है,
हमे अपनो से बिछड़ते दिखाया है..
जनता की जान राम भरोसे..
सरकार की व्यवस्था ने हमे यही बताया है..
गरीबों की कौन जाने.? बेरोजगारों की कौन सुने..?
फिर एक बार सवाल यह दोहराया है..
कोरोना की मायाजाल ने..
फिर एक बार सबको बाझाया है..
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नया साल का नया दिन..
हो सबकुछ नया नया..
नई उमंग हो,नया जोश हो..
ये जग हो नया नया..
नया सफर,नई मंजिल..
नए रास्ते हो..
नई चाहत,नया विश्वास..
बना रहे ये साल नया..
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मंजिल का तो पता नहीं पर..
चलता चला जा रहा..
रास्ते में ठोकर खाकर सीखता मैं जा रहा..
ठाना जो मन में उसे पाने की चाह में..
आगे ही बढ़ता जा रहा..
मंजिल का तो पता नहीं पर..
चलता चला जा रहा..
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जगमग जगमग दीप से..
जगमगाएं घर आपकी..
सुख समृद्धि का वास हो..
लक्ष्मी जी का साथ हो..
कुछ ऐसी शुभ दीपावली हो आपकी..
आपको और आपके परिवार को
दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं..🙏-
सो गया है जग, मेरी नींद जागी है..
थोड़ा और सब्र करो..
अभी तो मेरी उड़ान बाकी है..-
एक सवाल पूछूं??
जाना तुम्हारा ज़रूरी है क्या?
मुझसे यूं रूठना तुम्हारा ज़रूरी है क्या?
तुम्हारा चुप रहना ज़रूरी है क्या?
एक दूसरे को तड़पाना ज़रूरी है क्या?
जानती है कितना प्यार है तुमसे..
बार बार इज़हार करना ज़रूरी है क्या?
सब पता है ना तुमको,बोलो..
फिर भी जाना तुम्हारा ज़रूरी है क्या?-