अरे सुनो शालिनी, मेरी घड़ी कहाँ रखी है ?
माँ, मेरी बॅट नहीं मिल रही...
बहू, तुमने मेरा चश्मा कही देखा क्या ?
कहाँ रखा था याद नहीं आ रहा....
घरमें रखे हुए हर चीज को,
संभालकर रखने की आशा,
एक औरत से की जाती है...।
इन सारी चीजों को संभालते, संभालते,
औरत
खुद का अस्तित्व खो देती है...।-
To laga mere dil ki aawaj hoon mai..
कभी याद आए मेरी तो,
तुम खुदकी ही किताब पढ लेना,
तुम्हारी किताब के किसी पन्नों पर,
मैं मुस्कुराता हुआ मिल जाऊँगा तुम्हें ।-
मंगल पांडे फाँसी पर चढ गए,
राणी लक्ष्मीबाई ने जान गवा दी थी,
और कुछ लोग कहते है,
आजादी चरखे से आई थी....।
भगतसिंग, राजगुरु और सुखदेव,
मुस्कुराते हुए चले गए,
आझाद ने भी खुदको गोली मारी थी,
और कुछ लोग कहते है,
आजादी चरखे से आई थी....।
18 साल के खुदीराम बोस को भी
अंग्रेजो ने फाँसी दे दी,
आजादी के लिए ऐसे लाखों लोगोंने अपनी जान दे दी थी,
और कुछ लोग कहते है,
आजादी चरखे से आई थी....।-
पहले जमाना अलग था,
आदमी मरता था फिर उसे जलाया जाता था..
अब बात अलग है,
आदमी जलाया जाता है फिर वो मरता है....-
खेलने की उम्र में घर की गरीबी पढ लेता है,
वो अनपढ नहीं है जनाब,
काफी पढ़ा लिखा है ।-
चलो राम तो आ गए,
अब सोच रहा हूँ, रामराज्य भी आ जाये तो सब ठीक हो जायेगा ।-
याद रखना, तुम्हें रुकना नहीं है।
किस्मत को झुकाना है, खुद झुकना नहीं है ।-