कुछ नहीं कहीं नहीं घर जा रहे है..
तुम जहाँ नहीं हों उधर जा रहे हैं...
यूँ तो उनको रास आते नहीं हम..
बेशरम हम उन तक मगर जा रहे है...
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तू ना कह या हां मुझे सब सुनना है..
अभी नहीं ना सही पर तेरा बनना है...
दिल टूटा है हसरतें अधूरी फिर भी..
जाने क्यूं फिर मुहब्बत की तमन्ना है...-
उम्र से बस बढ़ रहा हूं,
दिल से बचपन नहीं जा रहा हैं...
जिदद खिलौनों की न है न थी,
मन से जीने का मन नहीं जा रहा हैं..-
कोई अगर खुद से आ कहे तो राहत हैं..
पूछने पे तो मुझसे सभी को मुहब्बत हैं...-
काश तू मेरे गूगल का AI होता..
मैं कहता एक अल्फाज़ तू जज़्बात समझ लेता...-
Lies..😈😈
सब झूठ के सहारे खुश हैं
रास आता नहीं है सच..
सच कहने लगे तो सुनकर कोई
पास आता नहीं है सच...-
That lies..
We thought that is true...
We are Happy with these lies..
& we became Sad with realities...
😀😀😀 So enjoy with lies..-
चाँद चले हम चाँद चले..
कितनी सीमाएं लांघ चले...
अंतरिक्ष के राज़ बता देना..
चंदा से हमको मिलवा देना...
चंदा मामा को संदेशा देना..
हम घर आयेंगे उनके बता देना...-
क्या कोई हमारा भी हैं...?
मझधार ही है दरिया में..
क्या कोई किनारा भी हैं..?
सिलसिला गिरने का ही..
क्या कोई सहारा भी हैं..?-