Akanksha Tripti  
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Joined 14 October 2020


Joined 14 October 2020
7 APR 2023 AT 21:22

'तस्वीरें' गवाह हैं बीते लम्हों की,
यादें हैं खूबसूरत पलों की
शोर हैं उन ख़ामोशियों की जिन्हें वक्त पर बयां न किया गया,
एहसास हैं किसी के मौजूदगी की.

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12 FEB 2023 AT 13:47

जिंदगी क्या हैं?
ये आरंभ हैं या अंत हैं,
दो दिन की हैं या अनंत हैं,
हिंदी के सफ़र सा हैं या अंग्रेज़ी के suffer में हैं...
सीमित हैं या अत्यंत है!

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31 DEC 2022 AT 14:14

माना कि कुछ दिन, कुछ हफ़्ते अँधेरों में गुज़रे होगें;
मुश्किल हालातों ने जीने के सारे साहस तोड़ें होगें
मग़र,,,
इन साँसों नें चलना और धड़कनों ने धड़कना तो नहीं छोड़ा..,
तो फिर याद रखना
उस ख़ुदा ने कुछ बेहद खूबसूरत सोचा होगा तुम्हारे लिए,
मामूली नहीं कुछ बेमिसाल लिखा होगा तुम्हारे लिए|

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31 DEC 2022 AT 13:33

कोई पी रहा हैं नये यादों को सजाने के लिए,
तो कोई पी रहा हैं पुराने को भुलाने के लिए

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4 OCT 2022 AT 23:31

रातें,
जहाँ रंगीन नजारों से ज्यादा सफेद चाँद की चाँदनी हसीन लगती है;
जहाँ हक़ीक़तो से ज्यादा ख्वाबों से दोस्ती होती है|

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2 OCT 2022 AT 18:24

काला रंग तो यूँ ही बदनाम हैं अँधेरों के लिए,
किसी के काजल लगाने से कहीं दीवाली मनाई जाती है|

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4 AUG 2022 AT 23:53

ये ढलती हुईं शामें ख़ामोशियों की नहीं, शोर का आगाज होती हैं

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15 MAR 2022 AT 21:02

तुम चेहरे की बात करते हो, हमे तो उनके हँसी के आवाज़ से मोहब्बत है

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29 DEC 2021 AT 14:33

Mohabbat bhi sharma jaye iss kadar marna h tujhpe

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1 NOV 2021 AT 22:59

Mujhe nhi pta ki wo sahar kaisa h jahan tm av ja rhe ho
Magar ek baat jo mai janti hu wo ye ki ab wo sahar behad khubsurat hone wala h kyuki tm jo rahoge wahan

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