माना कि कुछ दिन, कुछ हफ़्ते अँधेरों में गुज़रे होगें;
मुश्किल हालातों ने जीने के सारे साहस तोड़ें होगें
मग़र,,,
इन साँसों नें चलना और धड़कनों ने धड़कना तो नहीं छोड़ा..,
तो फिर याद रखना
उस ख़ुदा ने कुछ बेहद खूबसूरत सोचा होगा तुम्हारे लिए,
मामूली नहीं कुछ बेमिसाल लिखा होगा तुम्हारे लिए|
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