Have you ever heard silence speak louder than voices?
This is the echo of many episodes of emotions burning down with the seasons.
Lest you realize that being at peace requires more patience than many silence.
Peace is something you tie within yourself
Peace is also a united effect of many broken emotions.
Peace can concile, imply ,define in many forms,
but the only thing that actually shapes it, is to reconcile within yourself.
Then only you can be at peace even in your odds.-
जितन... read more
जीवन में जब आप की कमियां, खामियां और गलतियां आपके अचीवमेंट से ज्यादा हो तब भगवान को धन्यवाद देने का दिल नहीं करता।
तब बस केवल सवाल ही चुभता है कि –मैं ही क्यों?
और उससे भी ज्यादा जब सवालों के जवाब और सवाल खड़े करते हैं,
तब तो ऐसा जाल बनता है मानो ये कभी न खत्म होने वाली कड़ी मेरे हिस्से ही आ पड़ी है।
क्या करें मंजर ही कुछ ऐसा हो जाता है कि बंदिशों की होड़ में खुद को कितना आगे ले जाना है ये साबित करने में भला कौन ही पीछे होगा आखिर ये victim card का गेम कितनी sympathy बटोरता है!!
लेकिन यकीन मानो हर दर्द की स्याही सिर्फ कोरे पन्ने भरने की कोशिश नहीं होती कुछ दर्द को बयां करने की आजमाइश होती है।
चेहरे पे पड़े मुखौटे को कुछ देर हटा कर सुस्ताने की मेहनत होती है।
हालात कैसे भी हो मुस्कुराने की पुर जोर कोशिश होती है।
सच कहें तो ये दुनिया हमें भी victim card का प्लेयर ही समझेगी जबकि दिल तक तो उनके पहुंचेगी जिनके मन की सच्चाई आज पन्नों में लिपटाई है।
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जब कम थे तो काफ़ी थे
अब भरे हैं तो अनगिनत कमियों के स्वामी हैं।
नयन नक्श जो कल तक गहरे नशीले थे
आज एकदम से पानी है।
पता नहीं ये पैसों की मार थी, या जरूरत ही बस काफ़ी थी।-
कड़वे सवाल सिर्फ तीखे जवाब के ही हक़दार होते हैं, वरना शक्कर भी जब ज्यादा घुल जाए तो, उसी मीठे से परहेज करना सीखना पड़ता है। बस इतनी सी ही हक़ीक़त सीखनी होती है या यूं कहें कि याद रखनी पड़ती है जीवन में मिले रिश्तों में या फिर ज़िंदगी में घुले रिश्तों में ताकि तालमेल का अनुपात पूरा वृतांत समझने के लिए काफ़ी हो।
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कुछ बातों का सच इतना कड़वा होता है कि उनका जिक्र भी, आग फैला सकता है।
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अच्छा हुआ कि फासलों में तब्दीलियां होती गईं , वरना हालात इश्क़ के बयां करते करते उम्रें निकल जाती।
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मेरे मरहूम इश्क़ की दास्तां कुछ ऐसी है कि, मर्ज आज भी इलाज़ ढूंढ रहा है।
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Faces with–
the brightest smile
the loudest laughs
Have the deepest grief sunken beyond your muscles
And the irony is —they are the best cheerleader of your life
Irrespective of the fact that tears roll down when you find no one around.
Sulky pillows
Messy room
Dizzy busy lifestyle
Running at the best speed
But deep down failing every second to realise that worth cost of being alive for everyone surround.
Mascot has been put on ,
for the show to the next level
One will hardly realise what costs them for this grand showdown.
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घाट-घाट का पानी पीकर जब मरघट तक जाता हूँ,
कुछ जलती, कुछ बुझती लाशों पर,
लोगों को आँसू बहाते देखता हूँ।
माना कि मौन है वो आँखें
जिनकी सांसें अब भी चलती हैं।
ख़ामोश हुई जो बातें उनकी
फ़िर भी जिक्र कभी न थमती हैं।
आज़ाद फ़िज़ाओं के बाशिंदें फिर लौट कभी न आना तुम
आज इरादा पक्का है कल कैसा किस्सा बन जाऊँ मैं
ये वक़्त भी नहीं बतलाता है।
फ़िर कोई वादा न कर ख़ुद से
ख़ुदा भी ख़फ़ा ख़फ़ा सा हो जाता है
घाट-घाट का पानी पीकर जब मरघट को जाता हूँ।
कुछ जलती, कुछ बुझती लाशों पर,
लोगों को आँसू बहाते देखता हूँ।-