Raaz-e-ulfat sbse hm
chhupaye kaise,
Ye badle badle mizaaj
Hmare,
Ye sbko smjhaye kaise?
Zikar ho rha tha tmhari
Sadgi ka aaj mehfil me,
Hm bina najar aaye bhala
Muskuraye to muskuraye
kaise?
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उनको भूलने की कोशिश में उन्ही को याद करने में
सारे गम को छुपाकर मजबूत बनने में
रो पड़ी है जिंदगी..।।-
उनका जो वक्त मेरे लिए हुआ करता था,
अब वो वक्त वो किसी और को दे रहे है
सपने जो मुझे दिखाया था उन्होंने उसे छोड़
वो वही सपने किसी और को दिखा रहे है।।-
चलने दो आँधियाँ
हक़ीक़त की ,
न जाने कौन से झौंके से अपनों के मुखौटे उड़ जाए.. :)-
वो जिनका साथ देने से समाज का नाश हो, धर्म की हानि हो, वो मित्र होकर भी मित्र नहीं होते, ये वो होते है जो सिर्फ अपने लाभ के लिए आपके भावनाओं का उपयोग करते है, आपको पता नहीं चलता पर आपको वह अज्ञान के मार्ग पर ले जा रहे होता है।
यदि आगे बढ़ना है तो सत्य का साथ दो, जिससे आपको पछतावा नहीं संतोष प्राप्त हो।।
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जिसने कभी मुझे नहीं समझा,
जिसने खुद मुझे दु:ख दिया,
वो आज दूसरे को समझने चला है
वो मुझसे रिश्ता निभा ना सका
किसी और के रिश्ते में घुसकर वो रिश्ता निभाने चला है।
दूसरो का दूसरे से किया behaviour उन्हे दिखता है,
वो रोए तो उनके आंसू उन्हे दिखते है ,
जिन्होंने मुझे खुद आंसू दिए मुझसे बुरा बर्ताव किया,
सब जानकर जब हमने उनसे सवाल किया
उन्होंने कहा तुम्हारे प्यार में मुझे स्वार्थ दिखता है।।
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जिसकी गलतियों से भी मैंने
रिश्ता निभाया है
उसने बार बार मुझे फालतू होने का
एहसास दिलाया है।
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