देर रात सोने से पहले...
अंश – छत पे टंगे पंखे को घूरते हुए, “अच्छा सुनो चाय से दुश्मनी 😈आपकी इसी जनम की है या पिछले जनम का कोई श्राप लेकर आई है आप ?
आकांक्षा – तकिए पर करवट बदलते हुए, "क्या सच में आपके पास कोई ओर टॉपिक नहीं है हमसे बात करने को’ ?😑
अंश – 😌धीमी सी मुस्कुराहट के साथ,"क्या सच में हमें इस जनम में कभी एक कप अच्छी चाय☕नसीब हो पायेगी ?-
UP walon se khash lagaw hai 😉... read more
कुछ हर्फ़ बयां करते हैं तुम्हे,
तुम जनों खुदको आज प्रिये !
हर हर्फ़ में तुमको सज़ा रही,
तुम जनों खुदको आज़ प्रिये !
मेरे लिए दोस्त के रूप में एक फरिश्ता हो तुम
मुस्कुराते हुए फूलों का तोहफा हो तुम
गुजरते पलों कि महकती याद हो तुम,
दोस्ती कि मिशाल यारों कि यार हो तुम!
हसीं होठों पर इस कदर खिलती है ,
जैसे अंजुमन में जलता चिराग हो तुम!
नटखट, शरारती, बैरागी सी,
एक अच्छे इंसान की पहचान हो तुम।
ये बच्चों जैसी बातें तुम्हारी
एक निश्छल प्रेम का दर्पण हैं।
जन्म जन्म की दोस्ती भी
ऐ दोस्त तुझपे अर्पण है ।
Happy Birthday to the most stylish Girl in the world - Dear Shreya🎂-
पता है तुम क्या हो मेरे लिए
सुबह का पहला एहसास हो तुम
उठते ही आंखो की तलाश हो तुम
ग्लास भर पानी में शहद की मिठास हो तुम
मेरे ब्रेकफास्ट के आमलेट में प्याज हो तुम
काम की थकान से मिलन वाला आराम हो तुम
मेरी कहानियों का हर किरदार हो तुम
मेरा आज मेरा कल मेरा आधार हो तुम
बस ज्यादा कुछ नहीं मुझमें मुझसे ज्यादा हो तुम।-
मेरी प्रिये दोस्त व बड़ी बहन को जन्मदिन कि शुभकामनाएं 💐
इस प्यारे से जीवन की मीठी सी याद हो तुम
जिसे सुनकर सुकून आये वो राग हो तुम ।
नूर चहरे पर इस कदर कायम है
जब मुस्कुरा के देखो,तो महताब हो तुम ।
रिश्तों कि कदर दोस्तों कि खबर लेती हो
हाँ मेरे लिये कुछ खास हो तुम ।
वैसे पत्नी,बहु ओर माँ बन गयी हो
पर दोस्तों के लिये आज भी तैयार हो तुम ।
कुछ रिश्तों का कोई मोल नहीं होता
वही रिश्ता अनमोल होता है जैसे मेरा तुम्हरा❤
Happy Birthday my Dearest Sis Ashwini 😘🎂-
सुबह देर से उठने पर…...
अंश - 😴आंखो को मलते हुए तेज आवाज़ में,"सुनो आज फिर से देर हो गई मैं नहाने जा रहा हूं तुम मेरी चाय☕ तैयार रखना "
आकांक्षा - हे प्रभु इस आदमी को ज़रा भी सबर नहीं हैं। 😏
अंश - बाथरूम का दरवज़ा खोलकर मुड़ते हुए,"कुछ कहा तुमने?" 🤔
आकांक्षा - बनावटी मुस्कुराहट के साथ," जी हां हिंदी में आपकी धर्मपत्नी उर्फ़ चाय की तारीफ़ ही कर रहे थे " 😛
अंश - अरे वाह !ज़रा हम भी तो सुने क्या तारीफ़ की आपने ? 🙄
आकांक्षा - बात को टालते हुए,"२ मिनट में नहाके बाहर निकाल आयिये नहीं तो अपकी मोहब्बत उर्फ़ चाय ☕का आज उबाल-उबाल कर ही खून कर दूंगी ।।😝-
देर रात......
अंश - सुनो कल सुबह कुछ मेहमान आने वाले हैं हमारे यहां 😐
आकांक्षा -बिस्तर के कोने को ठीक करते हुए "तो क्या करें"😏
अंश - अरे भड़क काहे रही हो बता ही तो रहे हैं 🤗
आकांक्षा - देखिए कान खोलकर सुन लीजिए कल सुबह के नाश्ते में चाय☕ का नाम नहीं आना चाहिए, नहीं तो हमसे बुरा कोई ना होगा ।
अंश - वैसे गलत फ़रमाया आपने आपसे बुरा कोई और भी है ? 😉
आकांक्षा - झट से जवाब देते हुए हां मालूम है "तुम"😄
अंश - इतराते हुए "जी नहीं आपकी वेस्वाद "चाय"☕ 😂😁-
जल्दी सुबह. . .
अंश - कप को सिरहाने रखी मेज़ पे रखते हुए "उठ जाईये मोहतरमा आपकी कॉफी ☕तैयार है "।😍
आकांक्षा - आखें बिना खोले दूसरी ओर करवट बदलते हुए " अंश बस 10 मिनट ओर " ।😘
अंश - आकांक्षा के मुह पे आये वालों को दाहिने कान के पीछे ले जाते हुए "उठ जाओ नहीं तो मोहब्बत आज खुलके बरसेगी " । 😄😆
आकांक्षा - बन्द आँखो मै ही "10 मिनट बाद खुलके बरसना अभी सोने दो " 😑
अंश - उँची आवज़ मैं "देखो हम 5 तक गिनते है उठ जाओ नहीं तो जग का सारा पानी उढेल देंगें " 😎
आकांक्षा - धीमी आवाज मैं "जग का पानी मैं रात को ही पी के ख़त्म करदी थी "।😝
©आकांक्षा🍁©-
बीच रास्ते मे. . .
अंश - गाड़ी का दरवाजा खोलते हुए " सुनो तुम गाड़ी मैं ही बैठो हम चाय☕ का बन्दोबस्त करके आते है अपने लिये" । 😊
आकांक्षा - बुदबुदाते हुए " हे भगवान् बीच रास्ते मै अब कहां से चाय ☕ दिख गयी इन्हे" 😐
अंश - मुड़कर देखते हुए " कुछ कहा अपने ? 😎
आकांक्षा - मुहं बनाते हुए 😕"जी नहीं " आप जायिये
अंश - दूर ढावे पे चाय की चुस्कियां लेते हुए " वाह क्या सुकून वाली चाय ☕ है ।
आकांक्षा - जोर से चिल्लाते हुए " 3 कप पी चुके हो अब क्या जिन्दगी भर यहीं रहने का इरादा है "😡
अंश - हस्ते हुए " इरादा तो तुमसे शादी का भी नहीं था लेकिन हो गयी ना "😂😁
आकांक्षा - हमेंशा की तरह आँखो मै आशू भरके " क्यूँ लाये फ़िर बुलाकर हमे"😢😭
©आकांक्षा🍁©-
बहुत दिनों बाद,
आकांक्षा - घूरते हुए 😒 क्यूँ आये हो अब हमे बुलाने
अंश - बेग से मिठाई निकालते हुए अच्छा तो फ़िर चले जाते है 😁
आकांक्षा - हाँ हाँ चले जाओ 😏 रोका किसने
अंश - ठीक है चले जायेंगें एक कप चाय ☕ तो पिला ही दो 😜
आकांक्षा - आँखो मै आशू भरके वाह । इतने दिनों बाद भी हमारी नहीं तुम्हें चाय की जरूरत है 😭
अंश - जेब से रूमाल निकालकर देते हुए " खूबसूरत चहरो पे मुस्कुराहट अच्छी लगतीं है बेबजाह आशू नहीं "☺
आकांक्षा - धीमी सी मुस्कुराहट के साथ " लेकिन चाय ☕ बनानी तो अब भी नहीं सीखे " 😁😁
©आकांक्षा🍁©-