AkaNksha GuPta  
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~Keep it real or keep it distance.
Joined 8 July 2018


~Keep it real or keep it distance.
Joined 8 July 2018
19 JUL 2021 AT 23:36

किस्तों में याद हूँ या कहानियों का सार हूँ ?
इतना ही तुम बतला दो न कि क्या
बस इन रंगीन शायरियों का पात्र हूँ ?
या उनके जज़्बातों का भी हक़दार हूँ ?


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19 JUL 2021 AT 23:13

झूठ बोल मैं करीब बिठा सकती थी
सच बोल तुम्हें दुर खड़ा कर आई ।
कल की दुरियों से जुड़ती उलझने
नजदीकियों को आज तोड़ आई ।

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18 OCT 2020 AT 13:27

उस रात सिलवटें भरी थी माथे पे उसके
जब बिस्तर के एक ओर मुड़ के रूठा था मैं
इस बार करवट जो बदल कर देखा तो कोना खाली था ।

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14 OCT 2020 AT 7:55

थोड़ा संभालना-जरा जिद्दी और बड़ा मासूम है
नाजो से जो पाल रखा माँ ने मुझे
और तुमने हमारी मुहब्बत ।

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14 OCT 2020 AT 7:53

धुंधले आसमां के अरबों सितारों में मैं
और रोशन जहान का अकेला चाँद तुम ।

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14 OCT 2020 AT 7:49

सालों मुझमे सबकुछ तराश कर
अब रोजाना सब में मुझे ढूँढते हो ?

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14 OCT 2020 AT 7:43

मैं तो एक बेहद आम शुरूआत था
दिलकश कहानी का छोटा किरदार था
अनजाना जान कर सफर में आगे चला था
कि परछाई सा ही अंत तक मैं वफ़ादार बड़ा था ।

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14 OCT 2020 AT 7:38

हाथ छोड़ कर भी मैं आ गया
वो साथ छोड़ने को राजी नहीं ।

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20 SEP 2020 AT 23:14

And she kept dreaming of a fairy tale love of forever's...

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20 SEP 2020 AT 22:46

मजबूरियों में भी इन गुस्ताखियों की इजाज़त नहीं होती
समझ कर जो समझाओगे भी मुहब्बत को अपनी
उन गुस्ताख समझदारियों से मजबूर मुहब्बत नहीं होती ।

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