Akanksha Gupta   (Mukammal Lafz(आकांक्षा))
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Like to turn emotions into words.📋
Joined 9 April 2019


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7 FEB AT 12:53

बस एहसास की है बात।
मखमली ये रिश्ता.....
जिसमें कांटों सा संघर्ष,
और नाज़ुक सा है मन,
इससे महके जीवन में;
इस रिश्ते की सुगंध।
रिश्ते की गहराई सा,
आकर्षित करता इसका रंग।
तोहफा गुलाब का....
कराता दो दिलों का संग।

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7 FEB AT 12:19

कुछ फूल तो आसानी से मिल जाते हैं आज
मगर गुलाब के तो नखरे तमाम हैं।

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5 FEB AT 15:30

मेरा दिल ये जीवित हुआ तुमसे





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25 JAN AT 12:02

आती है जब;
फूलों से दोस्ती,
हो जाती है तब।
गुलाब क्या ?
ये जानोगे कब?
इश्क़ की महक,
आ जाएगी जब।

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19 JAN AT 1:05

ऐ जान! कैसे बताएं अहमियत?
अपने दिल और जां में आपकी।
बिन सूरज के सुबह जैसे....
बिन चांदनी के रात ....
अंबर बिन सितारों के जैसे...
वैसे‌ सूने-सूने मेरे ख्वाब।
ढलती शाम में..किसी के
इंतजार का न हो नाम।
ऐसे सूने-सूने तुम बिन
मेरे सुबह, रात और शाम।

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18 JAN AT 23:15

मुश्किल हैं रास्ते....
जानता मुसाफ़िर।
ढूंढ़ने मंजिल चला...
तो भटका मुसाफ़िर।
सफ़र आसां नहीं...
मंजिल खूबसूरत है;
मन में लौ को लिए....
रोशन जहां खोजे मुसाफ़िर।

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17 JAN AT 12:05

ये दिन‌ ढल जाएगा
फिर रात बीत जाएगी।
दिल में रखी है जो बात
दिल में ही रह जाएगी।
जान न जाए कोई,
दिल में दबी बात से...
मन की बौखलाहट।
लफ़्ज़ों में कड़वाहट..बन जाएगा
दिलों के टूटने का कारण।
मत रख दिल की बात को..
अपने दिल के अंदर
कभी न कभी तो बात..
जुबां पर आ ही जाएगी।
रखना है तो रख ले चाहे..
कितने भी मन के अंदर।

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17 JAN AT 11:17

जीवन की एक अमूल्य तलाश।
खोजना जितना मुश्किल;
तलाश होने पर आसान।
भटके मन से क्या कोई करे आस
गुजरना किस राह से ....
राह ही नहीं जब पास।
दशा-दिशा सुधारने की तरकीब कहें,
या खुद से खुद को मिलाने की राह।
मुश्किल तो है खोजना
मगर खोजकर
जीवन बनता भी तो है आसान।

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16 JAN AT 10:23

चंद‌ कागज के टुकड़ों के लालच में,
छोड़ आया मरता इंसान वहीं;
संदेश‌ उन्हीं को है मेरा,
ज़रा इंसान बने रहना कहीं।

जायदाद के बंटवारे में,
फोड़ते हैं सिर रोज़ कहीं,
भाई...जो भाई की जान है;
जान भी ले लेता है कभी।
संदेश‌ उन्हीं को है मेरा,
नहीं बन सकते भाई तो,
ज़रा इंसान बने रहना कहीं।

प्रेम के नशे में चूर होकर‌,
दिखते न मां-बाप, भाई-बहन कोई।
रास्ता साफ करने को,
बन जाते हैवान‌ खुद ही।
जिन्हें रिश्तों का मान नहीं,
संदेश‌ उन्हीं को है मेरा,
ज़रा इंसान बने रहना कहीं।



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16 JAN AT 9:48

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