दूरी हैं विचारों की
दूरी हैं सोच की
दूरी है आंकलन की
दूरी हैं अहंकार की
दूरी हैं बस मैं की....।-
ये सिर्फ तबाही का रास्ता है
रास्ता जो आपको आपके
आपनों से दूर ले जाता है..-
चारों तरफ की प्रतिक्रिया से एक बात निस्संकोच कह सकते हैं कि इस बार का चुनाव NSUI बनाम कांग्रेस के और सगंठन के गद्दारों के बीच का था..।
मंत्री और विधायकों ने अपने क्षेत्रों के साथ अन्य क्षेत्रों में भी nsui को हराने के लिए निर्दलीय प्रत्याशी खडे कर धनबल से साथ दिया जो विभिन्न सोशल साइट्स पर खुलेआम है, nsui को हराने के लिए कांग्रेस के विधायकों ने अन्य पार्टियों से साठगांठ तक कर ली.. इतना खौफ NSUI और हमारे प्रदेशाध्यक्ष जी का होना तो लाजमी है और बरकरार भी रहेगा.-
राजस्थान प्रदेशाध्यक्ष जी को टिकट साधारण और किसान परिवार से आने वाले nsui संगठन के कार्यकर्ताओं को ना देकर मंत्रियों, विधायकों के चहेतों और पूंजीपतियों को बेच देनी चाहिए थी जो परम्परा पूर्व प्रदेशाध्यक्षो द्वारा चलाई गई थी को तोड़ना,जयचंदों और सगंठन के गद्दारों कि ना मान कर अपने आदर्शों और सिद्धांतों पर चल एक बड़ी भूमिका निभाई है,आज Nsui सगंठन का टिकट बेचने और बाहुशाली लोगों को टिकट देने का दाग जो बहुत काला था आज धुला हैं ,जैसे आज संगठन की छवि बदली है वहाँ जीत की एक सीढी हर एक ईमानदार कार्यकर्ता ने चढ़ी हैं और आगे भी चढ़गे...।
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