"मेहमान"
वो कहती है,
ये मेहमान क्यों हर साल आ जाते हैं
फिर कुछ दिन रुक के काम-काज मेरा बढ़ाते हैं
जो इस बारी ये आए मैं मायके चली जाऊँगी
तुमसे फिर मैं 4-5 दिन न बतयाऊंगी /
वो कहता है,
प्रिये! तुमसे तो इतने दिन की दूरी न सही जाएगी
तुम जो गईं तो मुझे बेचैनी बड़ा सताएगी
कह दूँगा मैं उनसे इस साल न मिल पाऊँगा
वो तो माँ है न, जरूर मान जाएगी /-
14 JUN 2018 AT 22:07