Akanksha Bhardwaj   (Akanksha Bhardwaj)
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Joined 7 December 2017


Joined 7 December 2017
30 JAN 2022 AT 22:58

चंद दीवारी की कैद से
एक खुला असमान बेहतर है,
संग अपने जहां बैठें हो ऐसा परिवार बेहतर है, 
जिनमें किस्से मिले सुनाने को,
कुछ पल मिले दोहराने को,
इन फिक्र में डूबी शामों से वहीं शामें बेहतर हैं.....— % &

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15 JAN 2022 AT 13:52

हम भीड़ में भी लापता रहे,
क्योंकि अकेले बहुत थे,
और लोग समझ बैठे
हम मसरूफ बहुत थे .....l

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12 JAN 2022 AT 9:00

उस दिन के बाद फिर कोई दिन रास नहीं आया,
कहीं भी सुकून का एहसास नहीं आया,
बस दर-दर सवालों के जवाब ढूँढता फिरा हूँ,
मैं खुद ही खुद के पास नहीं आया.......

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7 JAN 2022 AT 21:53

वो कहता कुछ है ; सुनता कुछ है ,
फिर बहुत शोर मचाता है,
ये दिल अधूरी बात में कुछ अधूरे भाव मिला कर
बहुत कोहराम मचाता है.....

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1 JAN 2022 AT 21:45

खुद को बदलना बस में नहीं,
अब पहले सा रहने में भी सुकून नहीं ,
कैसे लौट जाऊँ उस दुनिया में अब, 
जिसमें आप पास ही नहीं.....

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24 DEC 2021 AT 21:34

भटका मुसाफ़िर हूँ ;
मंज़िलों का होश नहीं,
अँधेरों में राहें ढूँढ सकूँ ;
अब दिल में इतना जोश नहीं,
कुछ वादें समेट लिए हैं मैने;
कुछ उम्मीदें रख ली हैं बस्ते में,
अब जहां कीमत मिल जाए जीने की,
तू हाथ थाम कर ले चल वहीं....

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20 DEC 2021 AT 20:17

मुश्किल चुनी है डगर तूने तो अब मुश्किलें ही सही,
हर ठोकर मंज़ूर है, बस हार मंज़ूर नहीं,
हाँ अकेले हुए हैं कदम; तो अब अकेले ही सही ,
जीत इन्हीं की होगी अंत में; फिर भले ही देर से सही....

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16 DEC 2021 AT 8:47

बुरा ना मानना,
जो कभी काम से याद करूँ तुम्हें ,
हमारा तो खुद से भी रिश्ता कुछ
मतलबी सा है....

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12 DEC 2021 AT 10:35

जब मर्ज़ी चलती ही नहीं,
तो इन उम्मीदों का क्या करेंगे,
जब जिंदगी रुकती ही नहीं,
तो पीछे मुड़ कर भी अब क्या करेंगे,
ना कोई आने से पहले पूछता है यहां ,
ना कोई जाने से पहले,
जब दिल की किसी को पड़ी ही नहीं,
तो इसे दुखा कर भी अब क्या करेंगे....

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7 DEC 2021 AT 14:46

रूठी यादों को मनाने आऊंगी ,
हर गलती की सज़ा लेने आऊंगी,
आप कर लेना गुस्सा जी भर कर,
मैं हर डांट सुनने आऊंगी,
कुछ फ़र्ज़ रह गए अधूरे,
उन्हें फिर निभाने आऊंगी,
अब वक़्त कम ना रहेगा,
एक पूरी उम्र ले कर आऊंगी,
घुटन होती है यहाँ सवालों में बहुत,
मैं फिर सुकून ढूंढने आऊंगी,
आप इंतजार करना भूलना नहीं,
मैं फिर आपको मनाने आऊंगी...

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