Akanksha Bharadwaj(ak$hu   (Akanksha Bhardwaj)
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Yahi Dua h Meri khuda ki bas, kisi ka bhi Dil na dukhe Meri wajah se
Joined 15 February 2019


Yahi Dua h Meri khuda ki bas, kisi ka bhi Dil na dukhe Meri wajah se
Joined 15 February 2019

जब हम चार बहनों की शादी हुई तब शायद घर को इतना फर्क ना पड़ा
पर जब हमारी सबसे छोटी बहन की शादी हुई तो घर में एक अलग सा खालीपन था
हर कोने से सूनापन झांक रहा था ..आंगन बांह पसारे रो रहा था
मुंडेर टकटकी लगाए गली देख रहा था ...दीवारें शांत हो गई थी
किसी के हंसने , गुनगुनाने की आवाजें
अब छत को चीरकर रोशनदान से होते हुए
बाहर नहीं जा रही थी....
पर अब जब कभी-कभी हम सब मिलते हैं ना
तो हमारा घर भी मिलता है हमसे .. किसी बिछड़ी हुई बहन की तरह




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28 MAR AT 14:02

मैं नादान सी
हां तुम समझदार हो
मुझे आ जाता है जल्दी गुस्सा
पर तुम बहती नदी से शांत हो
मैं करती तुमसे बहुत सवाल
उन सब का सिर्फ तुम जवाब हो
हां मैं करती तुमको बहुत परेशान
पर तुम तो मेरे मांग सिद्ध अधिकार हो
मैं लड़खड़ाती बलखाती इठलाती
बादलों को चीरकर बहती हवा
और तुम!
तुम सूर्य की चमक
जो मेरे हर दिन की नई शुरुआत हो



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19 FEB AT 22:54

जब भी तुम मुझसे
बिना कुछ बात किए सो जाते हो
तब मेरी रात का अंधेरा
थोड़ा ज़्यादा काला हो जाता है
.....
अपना एक हाथ मेरे सिर पर फेरकर
दूसरा हाथ रखना मेरे गाल पर
फिर पूछना " कैसा था तुम्हारा पूरा दिन "
फिर देखना कैसे रात के अंधेरे में
जुगनू सी चमक होगी मेरे नयनों में......


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आज भी याद है मुझे चार साल पुराना सब
कैसे हम पहली बार मिले
हमने एक दूसरे की आंखों में देखा
तुमने मेरा हाथ थाम
तुम्हारे हृदय की तरंगे मेरे हृदय में समा गई
मैं तुम्हारे अधरों के उतार-चढ़ाव में डूब गई
चलो हम फिर अजनबी हो जाएं
ना दिखे दुनिया में कोई और हमें
हम बस एक दूसरे में कहीं खो जाए


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6 DEC 2024 AT 15:36

बढ़ते समय के बाद
ढलती उम्र के साथ
जिम्मेदारियों के बीच
घिरे हम दोनों में
शायद प्रेमी प्रेमिका
थोड़े कम बचे
पर मैं चाहती हूँ
जो दोस्ती हमने
प्रेम करने से पहले सीखी
वो हमेशा बनी रहे

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30 NOV 2024 AT 12:19

मत करना मुझसे
चांद सितारे तोड़ कर
लाने की बातें
बस अपना थोड़ा सा वक़्त
तोहफ़े में ले आना
भर लेना अपने आलिंगन
में मुझे
अपने अधरों को मेरे
माथे पर सजाना

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28 NOV 2024 AT 10:59

मेरे मांग का लाल सिंदूर हो तुम
मेरे माथे की बिंदिया के व्यास हो तुम
मेरे हाथों की चूड़ियों की खनक हो तुम
घर से दूर भी एक घर है
मेरा वो घर हो तुम

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30 OCT 2024 AT 10:07

उसका मुस्कुराना
उसे देखकर
तुम्हारे होठों पर
मुस्कुराहट का उतर आना
उसकी आंखों का सुकून
तुम्हारी आंखों से होते हुए
तुम्हारेशरीर के रक्त संचार
के साथ
घुल जाना
हृदय और मस्तिष्क
का एक हो जाना
इतना ही सहज है
प्रेम में बंध जाना
दुर्गम है
प्रेम को निभाना

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19 OCT 2024 AT 22:34

मेरे लिए ईश्वर के होने का
प्रमाण हो तुम
क्योंकि ....
मेरे सोलह सोमवार के व्रत का
आशीर्वाद हो तुम ....

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15 OCT 2024 AT 14:26

तुम आना...
तो आज थोड़ा प्रेम ज्यादा लाना
क्योंकि मुझे आज मेरे घर की याद आई है..

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