ak _dg Ahmed   (Anjaanइंसान)
206 Followers · 3 Following

Dead 🖤
Joined 24 November 2017


Dead 🖤
Joined 24 November 2017
20 MAR 2018 AT 16:59

तेरे अंखो का जाम जो मेरी अंखो में
आकर मील जाता हैं
मेरे रोम-रोम में एक नया जोश आ जाता हैं

-


26 OCT 2020 AT 19:45

Kaash Ke Zindagi
Yahi Khatam Aur Shuru Ho,

Kuch Pal Ki Hi Sahi Magar
Yeh Kudrat Wali Sukoon Ho.

-


16 JUL 2020 AT 14:10

भूल गए सब तुम,
कुछ हमे याद रहा।

कल जन्मदिन था मेरा,
कमब्ख्त वो भी बर्बाद रहा।

-


10 JUL 2020 AT 16:02

ज़मीन को आसमान चाहिये था
मेरे ख़्वाबों को एक मुक्कमल आशियाँ चाहिये था

क़बूल हो गई सबकी दुआएँ
महज़ मेरे हिस्से ख़ुशी न आई

मैंने तो सिर्फ़ तुझे ही मांग था
मुझे कौन-सा पुरा जहाँ चाहिये था।

-


10 JUL 2020 AT 15:45

मेरे अल्फ़ाजों से दिल दुखा आपका,
माफी चाहता हूँ, आप क्यों जाएंगी कही,
हम ही चले जाते है वो भी अभी।

-


10 JUL 2020 AT 12:42

हो बेगैरत तुम खुद से वास्ता नहीं तुम्हारा,
हमसे मोहब्बत का दावा करती हो।😡

-


10 JUL 2020 AT 11:17

ये नींद हमसे क्यों ख़फ़ा हो गई,
सुकून भरी थी रातें मेरी
फिर क्यों ये रातें हमसे जुदा हो गई।

-


10 JUL 2020 AT 11:06

है आज अंजान हम तेरे लिए,
कभी थे परेशान तुम मेरे लिए।

-


7 JUL 2020 AT 20:23

सुकून देता एक नज़ारा बन गया,
एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया।

जहाँ तक उठी लहरें,
वहाँ तक ख़ामोशियों का किनारा बन गया।
एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया।

-


6 JUL 2020 AT 1:42

है कोई और तुम्हारी राह तकता,
मगर तुम तो मशरूफ हो माज़ी में कही।

-


Fetching ak _dg Ahmed Quotes