तेरे अंखो का जाम जो मेरी अंखो में
आकर मील जाता हैं
मेरे रोम-रोम में एक नया जोश आ जाता हैं-
Kaash Ke Zindagi
Yahi Khatam Aur Shuru Ho,
Kuch Pal Ki Hi Sahi Magar
Yeh Kudrat Wali Sukoon Ho.-
भूल गए सब तुम,
कुछ हमे याद रहा।
कल जन्मदिन था मेरा,
कमब्ख्त वो भी बर्बाद रहा।-
ज़मीन को आसमान चाहिये था
मेरे ख़्वाबों को एक मुक्कमल आशियाँ चाहिये था
क़बूल हो गई सबकी दुआएँ
महज़ मेरे हिस्से ख़ुशी न आई
मैंने तो सिर्फ़ तुझे ही मांग था
मुझे कौन-सा पुरा जहाँ चाहिये था।
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मेरे अल्फ़ाजों से दिल दुखा आपका,
माफी चाहता हूँ, आप क्यों जाएंगी कही,
हम ही चले जाते है वो भी अभी।-
हो बेगैरत तुम खुद से वास्ता नहीं तुम्हारा,
हमसे मोहब्बत का दावा करती हो।😡-
ये नींद हमसे क्यों ख़फ़ा हो गई,
सुकून भरी थी रातें मेरी
फिर क्यों ये रातें हमसे जुदा हो गई।-
सुकून देता एक नज़ारा बन गया,
एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया।
जहाँ तक उठी लहरें,
वहाँ तक ख़ामोशियों का किनारा बन गया।
एक शहर कमब्ख्त आवारा बन गया।-