ये शब्दों का कारवां रुकता है क्या देखते हैं जो कसमें ली थी हमने देखते हैं जुड़े थे लोग जिस एक आशियां से टूटी डाल सा है हाल उसका कितने ही सूखे पत्तों ने बनाकर खाद डाली मगर अब तक यहां पर है बेहाली चलो तुम जाओगे तो आयेगा कोई और पर तुम सा ना मिलेगा देखते हैं YQ...