अज्ञेय गोलू   (अज्ञेय गोलू❣️)
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मैं शून्य पर सवार हूँ...
Joined 13 January 2017


मैं शून्य पर सवार हूँ...
Joined 13 January 2017
23 MAR 2022 AT 21:49

फेसबुक पर जूड़े
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21 MAR 2022 AT 23:22

कुछ खो देने से बेहतर था मेरा कुछ न पाना...
आसान किस्तों में गुजर रही थी जिंदगी,
बेहतर था हर लम्हों में मेरा गुजर जाना...

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20 MAR 2022 AT 23:59

वो जब उतर गया था किसी और की चाहत में...
सच में, वो तभी दिल से उतर गया था...

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20 MAR 2022 AT 23:53

तुम्हारी पकड़ ही इतना कमजोर थी कि
सब कुछ छूट गया...
मैं लाख चाहतें रखा मगर
फिर भी तू रूठ गया...
तुम्हें जाने की जल्दी थी तुम चले गए...
मैं इतना मायूस तो नहीं था
मगर हद से ज्यादा टूट गया...

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18 MAR 2022 AT 21:54

बड़े खुशमिजाजी से
रंगों की छाप लगाया था मेरे मन पर...
बड़ी खामोशी से रंग उतार गया वो...

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18 MAR 2022 AT 21:45

वो पूछ बैठे कनखियों से,
इश्क़ ज्यादा पसंद है या चाय...
तो हमने भी बोल दिया ,आपके हाथों की चाय...

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14 MAR 2022 AT 23:20

दबे कुचले ख्वाहिशों पर
आशाएं आज भी भारी है..
रूह को रंग सके जो,
उस रंगरेज की तलाश आज भी जारी है...

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14 MAR 2022 AT 19:18

यह जीवन असल में एक ख़त है
किसी के लिए...
पूरा जी लेने के बाद हम चाहते हैं कि
बुढ़ापे में एक दिन हम बरामदे में
किसी बरगद की छाया तले बैठे हुए
चाय पी रहे हों...
हल्की मुलायम धूप हो और उस दिन
काँपते हाथों से हम अपना जीवन
जो एक ख़त-सा किसी लिफ़ाफ़े में है,
उसे खोलें और किसी को वह ख़त पढ़कर सुनाएँ।
उसे हमारा जीवन एक काल्पनिक कहानी लगेगा
और हम उस कल्पना में—
किसी जंगल में चलते हुए—
उस कहानी के सारे झूठ उसके साथ फिर जी लेंगे...

©® Ranjeeta shah

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12 MAR 2022 AT 23:06

धोखे कभी कभी अपरिमेय हो जाते हैं...
गैरों की बात ही छोड़ो,
यहाँ अपने भी इसके ध्येय हो जाते हैं...

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12 MAR 2022 AT 22:42

सुनो ना...
अब मैंने लिखना छोड़ दिया है...
जब से तुम गई हो न, तब से खो सा गया हूँ...
या ये कहो कि मर सा गया हूँ...
सांसे चलती तो हैं मगर महसूस होती नहीं।
श्मशान घाट सा हो गया हूँ...
तुम्हारी हर याद, बातें सब दफ़न हैं मुझमें...
तिलांजलि दे चुका हूँ एहसासों जज़्बातों की,
अब ना मौसम भाते हैं ना ही चाँदनी रात....
आँखों की चमक गायब सी हो गयी है...
मगर महफ़िलों में रौनक बरकरार रखता हूँ ...
किसी को महसूस होने नहीं देता कि
तुम्हारी कमी खलती है...
मगर हर शख्स को हंसाया करता हूँ...
हर एक की मुस्कान में तुमसे बिछड़ने का दर्द
महसूस किया करता हूँ...

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