बस थोड़ा सा नजरअंदाज करना,
मगर क्या करे हुजूर,
यहां कुछ लोग तो तब भी
टिप्पणी करते नहीं थकते।
और दूसरों को परेशान करना
खुद की जागीर समझते हैं।-
एकत्र होना एकता को दर्शाता है, और एकल होना अनेकता को।
एकत्र करना आसान नहीं पर मुश्किल भी नहीं होता और एकल करना बहुत ही आसान होता है।
यदि सबका साथ चाहिए तो विनम्र बनो और परिस्थिति समझाओ,
हम सभी को मौका ढूंढ कर एकत्र हो एकता का व अपने अस्तित्व का परिचय देना चाहिए।
क्योंकि,
"जब तक एकता है तभी विकास है, अन्यथा हर कोई एकांकी बनने का दास है।"-
चेहरे के नूर को देख के
हर कोई शिकार हो जाता है,
पर इस नूर में वाकई कितनी खुशी है
वो वही जनता है...-
बेकद्री करने वाले
कद्र नहीं करते,
दोषारोपण करने वाले
कभी सभ्य नहीं होते,
ये ऐसा ही समाज है जनाब,
जहां कुछ न करने वाले
बस प्रपंच किया करते।-
वो कभी होता नहीं,
जो होता है वो समझ आता नहीं,
जो समझ आता है वो चाहता नहीं,
जो चाहता है वो कभी होता नहीं।-
यही सोच कर आगे बढ़ते रहते है,
खुश हो या न हो खुशियां ढूंढते रहते हैं
पर कमबख्त किस्मत को तो कुछ और ही है पसंद
खुशियां ढूंढने से भी दिखती नहीं तो मिलेगी कैसे...-