शाकी मैं तो उसी वक्त मारा गया था
जब तुने मुझको बेवफा कहा था !-
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#NGO volunteer
एक शख्स #अज्ञात.....
एक लेखक #अज्ञात.....
मैं उन जैसा नहीं किसी ने कहा था
लेकिन तुम आज भी नहीं बदले ये भी किसी ने कहा था-
कभी पुछ भी लिया करो मेरे अश्कों से हाल-ए-दिल
ये जो है कभी झूठ नहीं बोलती....-
आज हर शख्स आया है मेरे आखिरी सफर पे, यारों
एक सिर्फ वो है जिसकी कमी है !!-
कैसे छोड़ दूं मैं इस शहऱ को खुद़ा,
ये सारे रास्ते तो उसके घर की ओर जाते है .....-
मैंने दामन तेरा आज भी संभालें रखा है
तुने बेशक जिसे भुला दिया है...-
कभी मिलो तो हम तुम्हें बतांए कि कितना गम़
हमनें भर के रखा है आंखों में !
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उस शख्स ने गले लगाया और शुकुं भरी आवाज़ में कहा
बस अब भूल जाओ मुझे !-