29 JUL 2018 AT 14:25

जब आंखों से आंखे मिलीं थीं
तब हम भी मुस्कुराये थे और आप भी.....

जब हाथों  ने हाथों को र्स्पश किया था
तब हम भी शर्माये थे और आप भी!!!

जब पहली दफा हम मिले थे
तब हमने भी  कुछ छुपाया था और आपने भी...

पर जब दर्द-ए-मोहब्बत की बारी आई
तब सिर्फ़ हम ही क्यों???
सारा दोष हमारे सर पर...

वाह रे मोहब्बत!!!!!

- Karan Upadhyay (पथिक)