लेखनी अगर स्वतंत्र हो,
तो पढ़ने में मजा आए।
कठपुतलियों के तमाशे में ,
अब भीड़ नहीं जुटा करती ।।
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अज्ञात😎
(प्रियांशु त्रिपाठी)
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MBA(HRD)VBSPU ....I am a student(Hortative ... read more
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Joined 19 June 2020
27 FEB 2023 AT 10:17
21 JAN 2023 AT 19:43
अगर आप अपने ख्वाब पूरे नहीं कर सकते तो कम से कम नीद तो ज़रूर पूरी करे!
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19 JAN 2023 AT 20:19
आदर्श यही रहे...!
है अपना अगर घटिया , तो घटिया कहना होगा
दुश्मन है उम्दा तो बेहिचक,उम्दा कहना होगा।।
#स्वाभिमान😍🙏❤️-
18 JAN 2023 AT 21:13
अक्सर वहीं रिश्ते आपको आगे सम्मान नहीं देते जिनकी आप पीठ पीछे बुराई कर रहे होते है।☺️
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13 JAN 2023 AT 10:21
चेहरे की बदसूरती तो एक दिन वक्त के साथ शायद बदल जाए,
पर मैं चाहता हूं पापी लोगो के मन में पाप सदा बना रहे..☺️-
27 DEC 2022 AT 9:39
कौन है अपना
और ये रिश्ते क्या है
उम्मीदें क्यों है
दुःख क्या है
मन तू उदास होता क्यों है
भीड़ है, जीवन है मौत भी है
अपने पराये सभी भीड़ का हिस्सा
ए मन तू इतना नासमझ क्यों है ...
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27 DEC 2022 AT 9:38
रिश्तों में लग जाती है
समय के साथ,
उपेक्षा की नमी,
नैराश्य की फफूंद..
बीच बीच में उन्हें
वार्तालाप की धूप,
सान्निध्य की हवा,
देते रहना चाहिए..-