5 AUG 2019 AT 21:58

सांप सी फितरत उसकी, हर बार वो डसटा गया,
हर एक चालाकी उसकी, मेरे अन्तर्मन में बसता गया।
वो झूठ के सहारे था, और अपने जाल में फंसता गया,
साजिशें उसकी कामयाब न हुई, सिकंजा उसी पे कसता गया।।

- Ajit Tiwari