हम बताएं किस तरह पाले जाते हैं एक छत के नीचे गम सारे -
हम बताएं किस तरह पाले जाते हैं एक छत के नीचे गम सारे
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हर किसी को देना ही पड़ता है बदले में कुछ न कुछ जिंदगी हर लम्हा लहू मांगती है जीने के लिए -
हर किसी को देना ही पड़ता है बदले में कुछ न कुछ जिंदगी हर लम्हा लहू मांगती है जीने के लिए
हमको भी है शर्मिंदगी बहुत की हम मिले तुझे साथ हमारे कुछ न मिला बस गम मिले तुझे तेरे लिए है दुआ , और बद्दुआ भी ये हमसा न जांना कोई शख्स मिले तुझे मै राह भटकूं और खो जाऊं कहीं फिर न मेरे पा- ए- नक्श मिले तुझे ढूंढता हूं खुद ही खुद में न जाने क्या न खुदा मिले न कोई शख्स मिले मुझे -
हमको भी है शर्मिंदगी बहुत की हम मिले तुझे साथ हमारे कुछ न मिला बस गम मिले तुझे तेरे लिए है दुआ , और बद्दुआ भी ये हमसा न जांना कोई शख्स मिले तुझे मै राह भटकूं और खो जाऊं कहीं फिर न मेरे पा- ए- नक्श मिले तुझे ढूंढता हूं खुद ही खुद में न जाने क्या न खुदा मिले न कोई शख्स मिले मुझे
न दिल में कुछ है न दिमाग में कुछ हैसब लूटा आए झोली में जो कुछ हैमांगे मे मिलती कहां है दरिया से बूंदेंदेने में वक्त कितना लगता है जो कुछ है निभाए गए हैं रिश्ते वो भी जो थे ही नहींतुमसे तो कमसकम थोड़ा बहुत कुछ है -
न दिल में कुछ है न दिमाग में कुछ हैसब लूटा आए झोली में जो कुछ हैमांगे मे मिलती कहां है दरिया से बूंदेंदेने में वक्त कितना लगता है जो कुछ है निभाए गए हैं रिश्ते वो भी जो थे ही नहींतुमसे तो कमसकम थोड़ा बहुत कुछ है
बहुत दिनों बाद तेरी सूरत तेरी याद आई तो याद आया किसने तोड़ा था भ्रम सुराही का । -
बहुत दिनों बाद तेरी सूरत तेरी याद आई तो याद आया किसने तोड़ा था भ्रम सुराही का ।
मजबूरन ही सही ये काम कर गए होंगेहम भी तो किसी के वास्ते मर गए होंगेबिन हमारे डूब जाने की ठानी थी जिन्होंने हमारे बगैर भी तो किनारे तर गए होंगे नजरें उठें तो तलवारें खिंच जाती हैंइस जद्दोजहद में बहुत सर गए होंगे जौन जिनके होंठों पर ही रहा वो रंग लाल हाथों पर उतर आया होगा तो डर गए होंगे -
मजबूरन ही सही ये काम कर गए होंगेहम भी तो किसी के वास्ते मर गए होंगेबिन हमारे डूब जाने की ठानी थी जिन्होंने हमारे बगैर भी तो किनारे तर गए होंगे नजरें उठें तो तलवारें खिंच जाती हैंइस जद्दोजहद में बहुत सर गए होंगे जौन जिनके होंठों पर ही रहा वो रंग लाल हाथों पर उतर आया होगा तो डर गए होंगे
है अपनी नजरों से ये शिकायत हमें इसने भी कम ही देखा है तुम्हें -
है अपनी नजरों से ये शिकायत हमें इसने भी कम ही देखा है तुम्हें
जिंदगी में ये भी तो गुनाह किया है हमने जाने वालों को ना रोका और न जाने दिया हमने -
जिंदगी में ये भी तो गुनाह किया है हमने जाने वालों को ना रोका और न जाने दिया हमने
हम सोचते थे कि हम किस हादसे से मरेंगे मर ना जाते गर पता होता तेरी सादगी पे मरेंगे -
हम सोचते थे कि हम किस हादसे से मरेंगे मर ना जाते गर पता होता तेरी सादगी पे मरेंगे
हम भी जमाने के क्या क्या सितम नहीं करते हैं हम गरजते हैं खुद पर ,खुद पर बरसते हैं । -
हम भी जमाने के क्या क्या सितम नहीं करते हैं हम गरजते हैं खुद पर ,खुद पर बरसते हैं ।