Ajinkya Nikhade  
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Joined 30 April 2020


Joined 30 April 2020
5 OCT 2020 AT 23:50

काश प्यार भी Newton's Law सा होता
मैं भी उतना पाता जितना हम करते है !

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18 AUG 2020 AT 17:14

उसके सारे गिले शिकवे हम यू भुल गये
जब उसने पुछ लिया क्या हमे भुल गये?
मोम सा दिल है हमारा
हम फिर पिघल गये

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21 JUL 2020 AT 8:08

Life is all about how u see it.
The situation which looks like stumbling stone can convert into stepping stone. Its better to crack the problems and start looking for solution. Overthinking about situation or problem can't give u solution.
Overthinking ruins solution, ruins the situation, ruins the relationship, ruins you, twists things around, makes you worry and just makes everything much worse than it actually is.
Overrthinking Creates problems you never had. Don'T overthink just overflow with good vibes. The best way to live life is never judge others. Forget the past not the lessons learned. Think about about future but do not worry about it. Start working towards better future by making moves in present.

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20 JUL 2020 AT 0:24

झुठे वादे हम भी कर सकते थे
पर फरेब करने के लिये इमान अब इजाजत नही देता
झुठी तरिफो के पूल हम भी बांध ले
पर किसी के दिल खेलना का हुनर हमे नही आया

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17 JUL 2020 AT 7:58

अपना सब कुछ कुर्बान कर चुका
जो भी था अपनो के नाम कर चुका
उडाण तुम्हारी पूरी करने के लिये
मैं खुद के परो को नीलाम कर चुका

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16 JUL 2020 AT 12:24

यक़ीन था कि मुझे भूल जाओगे तुम
पर पहेल भी ना करोगे वापस आने के लिये ये सोचा ना था!

याद नहीं है कि वो रूठी थी या मैं रूठा था,
पर सच है के साथ हमारा ज़रा सी बात पर छूटा था!


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15 JUL 2020 AT 13:16

देखू किस नजरेये से तुम्हे,
के जो दिखना तुम चाहती हो...
या जो हमे दिख रहा है
कोनसा शक्स सही है
ये पहचान मे नही आता.....

क्या सच है क्या फरेब हमे जणना नही आता
देखा है हमने आपकी आन्खो मे जो,
या आपने जो अपने सफाई मे सुनाया है
आपकी कथनी और कहनी मे जो अंतर हैं
ये पहचान मे नही आता.....





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5 JUL 2020 AT 12:03

कभी तुम भी आजाओ हम से मिलने,
बिन बुलाये इस बरिश की तराह...

कभी इस कदर भी बरसा दो प्यार,
बिन बादल बरसात की तराह...

जैसे पहले बरीश के बुंदे महका देती है आंगन मैं खुश्बू,
तुम भी दिल को महका दो उस खुश्बू की तराह...

बस इतनी भी देर ना करना के
मेरा दिल भी बन जाये बंजर रेंगिस्तान की तराह.....

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17 JUN 2020 AT 16:00

फसा है पिंजरे मे पन्छी कही
सोच आसमान मे उडणेकी की लेकर
तोड कर सारी बंदिशे,
आसमान छुने की तन्मना लिये
फसा है पिंजरे मे पन्छी कही

रोज दूसरो के दाणे पे पलता
अपने परो की जान को तराश्ता
आज़दी के सपना मन मे लेकर
चार दिवरो मे कैद
फसा है पिंजरे मे पन्छी कही

हर सुबह नये सपने बून कर
वही घिसी पीटी शाम बिताता
सारी जिंदगी सोचने मे बरबाद करता
फसा है पिन्जरे मे पन्छी कही.........

इन रिती रिवाजो मे
इन जिम्मेदारी की दलदल मे फस्ता जाता
खुद के ही नजरो मे हर रोज गिरकर
जिंदगी भर के लिये कैद हो जाता
फसा है पिन्जरे मे पन्छी कही

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16 JUN 2020 AT 13:52

के ऐसे कैसे तूट गया तारा,
जो आसमान मे टिमटीमाता था....

कैसे लटकलीया खुद को
जब आसमान छू के भी पैर तेरा जमी पर था

ऐसे कोनसे मुसिबतो का तुफान आ पडा
जो पवित्र रिश्ता के मानवसे लेकर
काई पो चे मे डेब्यू संघर्ष से भी बडा था....

के ऐसे कैसे तूट गया तारा,
जो आसमान मे टिमटीमाता था....

बिना किसी कपूर खान नाम के
काबिलियत पे कोई नायक बनता है
तुमने ही तो दुनिया को दिखया था

हौसला बूलंद लेके,
तुनेही तो हारने पर भी जिना
आपने एक किरदर से बातलाया था,

ऐसा भी क्या तुझे डर था
जो तुने मौत का दामन थाम लिया
कैसे लटकलीया खुद को
जब आसमान छू के भी पैर तेरा जमी पर था

के ऐसे कैसे तूट गया तारा,
जो आसमान मे टिमटीमाता था....

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