Ajeet Singh   (अजीत)
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Joined 29 February 2020


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21 JUN 2024 AT 8:33

तुमसे बिछड़कर हम कहां जायेंगे
हम मर चुके होंगे या मर जायेंगे ।।

ये मोहब्बत की तासीर है
दूर जायेंगे तो, दिल के नजदीक आयेंगे ।।

तुमसे मिलना होगा हमारा
जब किसी रोज़ हम खुदा के घर जायेंगे ।।

समुद्र सा विशाल धैर्य रखना तुम
मोहब्बत में बेवजह के इल्ज़ाम आयेंगे ।।










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9 SEP 2023 AT 21:51

अकेले चलने की आदत हो गयी है
भीड़ में चलेंगे तो याद आआगे तुम


अपने ही ऑसुओं में भीगने की आदत हो गयी है
कभी भिगेंगे बारिश में तो याद आओगे तुम


उदास चेहरा ये गमीं ये नमी इनसे यारी हो गयी है
गर दिखा चेहरा मुसकुराता आइने में तो याद आओगे तुम






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14 AUG 2023 AT 21:43

सितारों से सजी चांद सी सूरत है तेरी
ऐसा मैं किसी को बताया नहीं करता ।।

तेरे सिवा मैं कुछ और भी देखूं
ख्वाब भी ऐसा आया नहीं करता ।।

मैं अपने होठों से तेरा नाम लेता हूं
इसके सिवा में कोई गीत गया नहीं करता ।।

सूरज डूबते ही तेरी यादों का आना होता है
शाम ढले मैं अपने घर जाया नहीं करता ।।

तुझसे गर हुआ मिलना तो झूठ ही कहूंगा
की तेरी याद में मैं कभी रोया नहीं करता

मौत है अच्छी या मॏहब्बत है बेहतर
दीवाने से अच्छा कोई बताया नहीं करता ।।

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13 AUG 2023 AT 17:40

मैं जी लूं तुम्हें
खोने से पहले ।।

मैं हंस लूं जरा
रोने से पहले ।।

मैं मर जाऊं कई दफा
मरने से पहले ।।

मैं अपना बना लूं तुम्हें
वक्त खोने से पहले ।।

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13 AUG 2023 AT 12:46

तुम्हें ही छोड़कर
तुम्हें पाने चले थे हम ।।

खुद तो बिखरे हुए हैं
रेत को मुट्ठी में समेटने चले थे हम ।।

खुद की प्यास बुझी नहीं है
समुंदर की प्यास बुझाने चले थे हम ।।

तुम खुद ही समझना नहीं चाहती हमें
तुम्हें न जाने क्या-क्या समझाने चले थे हम ।।

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11 AUG 2023 AT 19:53

तुम भी बताओ तुम्हें क्या पसंद है हमें तो....

हमें पसंद है लिखना पढ़ना सोचना
बोलना थोड़ा सा कम पसंद है ।।

हमें पसंद है बेरंग सफेद रंग
रंगीन थोड़ा सा कम पसंद है ।।

हमें पसंद है मीठा खट्टा तीखा
मीठा दूध और चाय कैसी भी हमें कम पसंद है ।।

हमें पसंद है सारी सब्जियां
सोयाबीन और बैंगन थोड़ा सा कम पसंद है ।।

हमें पसंद है मां के हाथ का खाना
दोस्तों के साथ खाना थोड़ा सा कम पसंद है ।।

हमें पसंद है रात में लिखना
रात में सोना थोड़ा सा कम पसंद है ।।

मुझे पसंद है किसी का दुख बांटना
किसी का सुख बांटना मुझे कम पसंद है ।।

हमें पसंद हो तुम ही
तुम्हारे अलावा कुछ और आजकल हमें कम पसंद है ।।


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26 DEC 2021 AT 12:46

मैं तुमसे ऐसे मिलना चाहता हूँ।

जैसे मिलते हैं अग्नि और जल,

खो देते हैं अपना अस्तित्व मिलन के बाद ,

जल जल जाता है, अग्नि बुझ जाती है,

और फिर बिखर जाते हैं हवाओं में ।

कुछ ऐसे ही मैं जल जाना चाहता हूँ,

बुझ जाना चाहता हूँ,

और सदा के लिये बिखर जाना चाहता हूँ।

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16 DEC 2021 AT 17:11

मेरे पास सबकुछ था ,
हँसी खुशी रुतबा
दौलत घर और इज्ज़त
फिर भी इक कमीं खली ,
और
फिर मैं तुझसे मिला
और खो दिया अपना
वजूद अपनी पहचान
और सबकुछ।

और शायद खो देंगे ये जिंदगी ,
खुदको तुझमें ढूंढते ढूंढते ।

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24 NOV 2021 AT 12:20

तेरे साथ के

चंद लम्हो में

मैं अपनी पूरी

जिंदगी समेट

रहा हूँ ।

मैं अभी

जिन्दा भी

हूँ

और

ज़हर भी

पी रहा हूँ।

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24 AUG 2021 AT 11:39

करिश्मा है कि ज़हर पीकर भी जिन्दा हूँ ।
जन जन के बातों में तेरे नाम की निंदा हूँ ।

इक ख्वाब देखा कि छिन गयी है सासें
पर मरने के लिए अभी मैं जिन्दा हूँ ।

आईना दिखा तो समझ नहीं आया
तिरी आखों में देखा तो मैं जिन्दा हूँ ।

दिन में रोज मरने निकलता हूँ
सांझ होते ही अहसास हो जाता है
अभी जिन्दा हूँ ।



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