Ajeet Sharma  
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Joined 5 July 2020


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Joined 5 July 2020
1 JUN 2021 AT 20:13

आज भी मै खुद से खफा हु,
बीते हुए पलो में दबा हु,
न जाने अब मै जाना चहु कहा,
यहाँ तो हर जगह कोहरा ही कोहरा,
वक़्त यहाँ थोड़ा ठहरा हुआ सा है!

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26 APR 2021 AT 17:06

सुन ज़रा, मुझे न रुला,
में बैठा हु आज भी वहा, जहा देखा था कभी हमने अस्मा!!

तड़पती है, सताती है बिस्तर से यु गराती है,
जैसे था ही नहीं कोई यहाँ तेरे सिवा!!

अब तेरे बिना मेरी यह साँसे,
जैसे चाँद बिना राते है अब यहाँ

रात मेरी मुझसे खफा है, नींदे मेरी मुझसे जुदा है,
मै न जानू क्यों

अब बिखरी हुए ज़ुल्फ़े तेरी, दिखती नहीं,
जैसे खो गया हो मेरा अस्मा

सुन ज़रा, मुझे न रुला,
में बैठा हु आज भी वहा, जहा देखा था कभी हमने अस्मा!!

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26 MAR 2021 AT 6:54

क्या हुआ अगर तुझे कोई अपना न मिला,
क्या हुआ तुझसे कोई दूर हो गया?

अँधेरे में ही रहने की आदत हो गयी
रौशनी में मेरा अब मन ही ना लगें!

माना अभी डरा डरा हु,
धीरे धीरे चल रहा हु,
रास्ता अभी बाकी है,
रास्ता अभी बाकी है!!

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22 MAR 2021 AT 8:42

अब है जो समा है ,
अब है हज़ारो में
बैठी सी एक सुबह है
जो गुम है बहारो में
मासूमियत से घिरे है
अनजान अपनों में!

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15 FEB 2021 AT 19:12

ले डुबी उसे मेरे से बेहतर की तलाश
सता रहा जमाना जैसे मैं हु एक शैतान
ये शैतान भी एक इंसान है,
एक को कदर नही, और मुझको फर्क नही तू कहा कि भगवान है
किसीको पता नही वो अपने कर्मो का गुलाम है
गुमान है तुझे किस बात का,
अब पता चला मेरे उन हालात का,
अपने आप मे मैं धीरे धीरे ढल रहा
सुरूर माल का धीरे धीरे चढ़ रहा

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5 FEB 2021 AT 23:30

हम तो आज है क्या पता कल नही,
हा बेवस हु आज, बिश्वास से कल नहि।

बंद कमरे बैठा मुझे सुकून मिले,
कोई गम नही अगर मुझे घात मिले।

मेरा मन बंदिशो में तैरने लगा है,
मैं भी हु इस दुनिया का कहने लगा है।

रहता हूं नशे में शब्द मेरे होश में,
दिल मेरा सहमा है किसी के खोने से,
हा बोहोत रहा चुप अब शब्द मेरे बोलेंगे।

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19 NOV 2020 AT 22:41

दिमाग को समझाऊ या दिल को,
रुलाऊ या सुलाऊ खुदको।
यह कशमकश है मुझमें या ,
पागलपन है तूझपे।
हर घड़ी, सिर चढ़ी यादो के काले घेरे,
मेरे होते है सवेरे उन तस्वीरों के सहारे
किनारे मेरे दिल के तेरे कर दिया हवाले
चखना चाहे मेरा मन तेरे इश्क़ के निवाले

बिस्तर पे लाचार सा पड़ा था,
विचार पे पड़ा था,
जैसे बीमार हो गया था।
खंजर सा चुभने लगा ख्याल तेरा,
मेरा मन बंजर सा बनने लगा।

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14 OCT 2020 AT 20:47

मेरे टूटे सपनो मे, रात बिखर गई
बहे मेरे नैना सिमट के, तड़पे दिल तेरा भी
किसी के लिए, तू भी तरसे
बहे मेरे नैना, बहे मेरे नैना
यादे तेरी मुझको रोने नही देती
सोने नही देती, बिछड़ के
दिल मेरा तेरे लिए, अंत तक तरसे
पल थे वो मेरे लिए, सपनो से बढ़के
नैना मेरे तुझको ही खोजे
बहे मेरे नैना, तेरे बिन नही रहना
नैना मेरे तुझको ही खोजे
बहे मेरे नैना
तुझसे से बिछड़ के
बहे मेरे नैना

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24 SEP 2020 AT 12:55

बेशक देर से मिलना,
लेकिन दूर तक चलना।

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21 SEP 2020 AT 21:54

वो कितना करीब है मेरे की चंद शब्दो से मेरे जज्बात समझ लिया करते है,
कैसे समझाऊ खुद को वो कभी कभी मज़ाक भी कर लिया करते है।

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