Ajeet Malviya Lalit  
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Joined 28 March 2018


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Joined 28 March 2018
1 APR 2023 AT 19:50

तुमसे मिलने के लिए भी तीन - चार
बार दरख़ास्त करनी पड़ती है।
तुम - तुम न हुये सरकारी बाबू हो गये।

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26 FEB 2023 AT 23:31

उसमें डूबने के बाद या तो ,
वो रहेगा या तुम डूबे नहीं हो ।

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9 FEB 2023 AT 3:14

तुम्हारे शहर में लाखों लोग होने के बाबजूद,
तुम्हारी " दुनिया" किसी और शहर में हो सकती है ।

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4 FEB 2023 AT 6:11

तुम बहुत जिगर वाले हो यार;
कई शहरों में रह कर उन्हे पीछे
छोड़ आए, और मुड़ कर तक
नहीं देखा।

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15 DEC 2022 AT 8:35

हम अपने रिश्ते तो हमारी ,
मिट्टी में ही दफ़ना कर आये थे ।

अब हम मिले हैं सरहद के पार;
तो शायद तुम और मैं एक हो सके ।

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7 DEC 2022 AT 8:09

भँवरकुआं की भीड़ हो तुम,
मैं सिरपुर का सन्नाटा हूँ।

इंदौर की इन गलियों में,
मुश्किल है अपना मेल प्रिए ।

~Ajeet Lalit ®

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1 DEC 2022 AT 22:09

तुम्हे फैसला लेने में देर तो
लगी होगी, मन में काफी उतार - चढ़ाव आए होगें।

मन तुम्हारा भारी हुआ होगा,
न चाहते हुए भी तुम्हे वो सब छोड़ना पड़ा होगा,
जिसका अनजाना भय तुम्हे पहले से था।



जीवन का सुगम संगीत यूं ही हासिल नही होता,
इसका साज बिठाना पड़ता है, बहुत वक्त लगता है,
फिकिर न करो इसका रस कानों में बहेगा तो सुखद होगा।

हाँ! मैंने तो ऐसा ही सुना है, पीड़ा होती है ,
सहनी भी पड़ती है, विद्यालय में भी तो शिक्षक यही कहते थे,
तुम शायद उस दिन कक्षा में नहीं आये थे।
लेकिन घबराओ नहीं यही एक मात्र पाठ ऐसा है,
जिसको सिखाने बहुत शिक्षक मिलेंगे।

बात वो नहीं है, जो तुम समझ रहे हो,
उसके ठीक पीछे है, जहाँ तुम्हारी नजर पहुंच नहीं रही।

दिन- रात होंगे मन का ज्वार भी उठेगा,
तुम डिगना मत, माँ ने बचपन में बताया था,
' ऐसा सबके साथ होता है। '

कोई बात नहीं साथ में कोई नहीं ,
जिसे होना था , तुम अकेले पर्याप्त हो,
छोड़ तो देते हैं साथ बाद में सब,
तुम चिंता मत करना ये बस एक पड़ाव है ॥

✒️अजीत 'ललित'


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1 DEC 2022 AT 22:07

अक्षर तो वही क ख ग ही हैं,
लेकिन इनका संयोजन,
कभी रुला देता है तो कभी हँसा देता है।
~ ✒️ अजीत 'ललित'

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1 DEC 2022 AT 22:05

साख़ से जुड़ा आख़री पत्ता भी टूट गया।
मौसम ही दिसम्बर का था।
~ ✒️अजीत 'ललित'

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2 SEP 2022 AT 17:22

मेरे प्रणय के अनुनय में,
तुम्हारा ही प्रतिबंध है ।

प्राण नीरस ,अंतस उद्विग्न है,
पग-पग मेरा कंटकीर्ण है ।

मरणासन्न सी दशा में,
तुम्हारा आना केवल आस है ।

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