19 APR 2018 AT 15:03

हर रोज उसका दीदार तय नहीं,
लफ्जों से उसे छू लिया करता हूँ।
खामोश लबों से यूँ निभाता हूँ रिश्ता,
पन्नों पर शोर मचा लिया करता हूँ।...
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