Ajaya kumar Patro   (Azira✒️)
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I believe... I am unlimited 🙂
Joined 12 April 2020


I believe... I am unlimited 🙂
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21 JAN 2022 AT 23:29

कब से फसी थी...
कलम मेरी...

तेरे छूने से...
क्यों चल गई!!??

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14 NOV 2021 AT 18:32

बस उस धड़कन की थी जरूरत..
जो धड़क जाए तेरे दिल में..
उस तसबीर को तो मैने लिखा हुआ है..
जो बन जाए...तो तू है।

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2 NOV 2021 AT 8:06

पैसों में क्या रखा हे..??

पैसों में क्या रखा हे..??

बरकत आए..
तो जिंदगी है..।

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26 OCT 2021 AT 20:52

तेरी हर अदाह पे प्यार आता है..

Propose करूं..
तो मना मत करना..😅

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25 OCT 2021 AT 19:34

बुझ गया जो आग…
वो छोटा सा होगा…
यहां जिंदगी गूजर जाति है..
बस प्यार में जलते जलते..

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15 OCT 2021 AT 17:43

वो सेंकडो,
रंग रूप तुम्हारे...
क्यों आखों में मेरे,
एक सा है...

सोचने पे,
मुझे मजबूर कर दिया...
लोग कहते हैं,
ये कुछ प्यार सा है!!

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24 SEP 2021 AT 23:01

Being matured
includes immaturity

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16 SEP 2021 AT 23:21

मुस्किल है;
वो "आसानी"...
जो बोला गया;
आसान हो..;

आसान है ;
वो "मुस्कील" भी...
जो बोला गया;
मुस्किल हो...।

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13 SEP 2021 AT 8:52

आसमान में उड़ो...
पर जमीन से,..
मुंह मत मोड़ो...

जिस जिस को,..
आसमान ने गिरादीया..
उन सब को,..
जमीन ने अपना लिया।

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11 AUG 2021 AT 18:07

Time...
Also needs time ...
To change time...
So you always have time..
To change time.

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