की जाने वाली मोहब्बत को
वक़्त दर वक़्त बदला जा सकता है,
पर कमबख़्त हो जाने वाली मोहब्बत को तो
ख़ुदा भी नहीं बदल सकता।
~ पाकिस्तानी ड्रामा : बशर मोमिन 🌻-
उसने जाते-जाते कहा था
"मैं तुमपे विश्वास करती हूँ"
मुझे आगे बढ़ने की इतनी जल्दी थी कि
मैं कभी समझ नहीं पाया
यह पंक्ति "मैं तुमसे प्यार करती हूँ"
से ज्यादा बड़ी थी।-
जो चीज़े शान्तिपूर्वक टूट जाती हैं,
वो उतनी ही शान्तिपूर्ण तरीके से
आपके हृदय को खोखला कर देती हैं।-
इन्सान विदा हो सकता है,
प्रेम नहीं!
जाना...
हृदय कभी स्वीकार नहीं कर पाता।-
'तुमने पूछा नहीं',
'तुमने बताया नहीं'
के मध्य उलझ के कुछ संवाद चिता हो जाते हैं।-
प्रतीक्षा कितना लंबा हो सकता है?
मैं कोई 'ब्रह्मा' नहीं जो युगों जीवित रह सकता हूँ
मैं दिन काट सकता हूँ,
महीनों में या कहो तो वर्षों तक तुम्हारी राह देखूँ
देखो ना कालांतर मैं शिव बन बैठा हूँ
तुम भी सती बन जाओ
मैं वैराग्य त्याग दूँगा
तुम संगिनी बनने की हामी भरो,
'प्रतीक्षा दुःखद है'
मैं सार्थक नहीं करना चाहता।
/अजय💙-
मैं तुम्हें इस तरह नहीं देखना चाहता
कि क्रान्ति हो,
मैं चाहता हूँ जब तुम्हें देखूँ
मेरी आँखें राधा हो जाए!-
कितनी स्वस्थ नारी,
दुनिया में जन्मी है जिसकी देह
आह! से मुक्त हो
ईश्वर ने अंततः माना
उसकी सर्वश्रेष्ठ रचना 'नारी'
सृष्टि की सबसे अस्वस्थ प्राणी है।-
कभी-कभी दुःख को हल्का करने के लिए
कंधे की नहीं, साथ में रोने वाली
दो आँखों की ज़रूरत होती हैं।-