मन में तेरे शोर है, सुन,
यानी तू कमज़ोर है, सुन।
सोचा बुरा, बेशक न किया,
मन में तेरे चोर है, सुन।-
दुनिया में ना कुछ कम है,
पर सबका एक मौसम है।
सब तो है पहले से ज़्यादा,
फ़िर भी लगे के कुछ कम है।
क्या क्या ग़म हैं, सोचो तो,
सोचो तो क्या ही ग़म है।
ज़िम्मेदारी ले ख़ुद के,
ग़म की अगर तू आदम है।-
सब तो है पहले से ज़्यादा,
फ़िर भी लगे के कुछ कम है।
क्या क्या ग़म हैं, सोचो तो,
सोचो तो क्या ही ग़म है।-
अब ख़ुश हूँ मैं था गुमसुम,
पास मेरे क्योंकि हो तुम।
सबकी निगाहें हैं तुम पर,
तुम हो के मुझमें हो गुम।
मैं कितना खुशकिस्मत हूँ,
ये मुझ को ही है मालूम।
अपनी सब रातें रोशन,
चाँद मैं तुम मेरे अंजूम।
इक-इक कर सतहें खोली,
मन में बसे हो बस इक तुम।
पूछते हो क्यूँ लिखता हूँ मैं,
मैं नहीं ये लिखते हो तुम।-
अब ख़ुश हूँ मैं था गुमसुम,
पास मेरे क्योंकि हो तुम।
सबका निगाहें हैं तुम पर,
तुम हो के मुझमें हो गुम।
मैं कितना खुशकिस्मत हूँ,
ये मुझ को ही है मालूम।
इक-इक कर सतहें खोली,
मन में बसी हो बस इक तुम।-
खुशी होती है बस न किसी से न कहीं पे मिलती है,
मुझे लेकिन ये तब होती है जब तू मुझसे मिलती है।
ज़रूरी एक मज़बूरी है जो मैं दूर हूँ तुम से,
मग़र ये तो है तय आख़िर नदी सागर में मिलती है।-
मन ख़ाली तब होता है,
जब शून्य से भरा रहे।
सुख का पलड़ा भारी है,
दुख का चाहे भरा रहे।
अपने सब लगते है जब,
अपने में मन लगा रहे।
जो होता नहीं, है ही नहीं,
जो है, बस वो बना रहे।-
नहीं है अब दुनिया में पर सपने में, है ऐसा लगता है,
आँखें खुलें तो उसका ना होना सपने जैसा लगता है।-
वादे कितने ही करवा लो, पूरा करना कोई नहीं,
झूठे देखे बहुत मग़र, मोदी जितना कोई नहीं।
अंतिम मौक़ा भी हो सकता है ये नेता चुनने का,
मोदी को चुनने से अच्छा अबके चुनना कोई नहीं।
-
सोता हूँ हर रात सोचकर, वापस अब घर जाना है,
असमंजस में मन पर उठकर सुबह काम पर जाना है।-