हर एक चीज़ पर काबू को बेकाबू है ये सरकार,
पिछली चोर थीं बेशक, अभी डाकू है ये सरकार।
बड़ी कुर्सी पर बैठे हैं, बलात्कारों के आरोपी,
भक्त कहते न थकते पर, अहा साधू है ये सरकार।
मौन जनता के प्रश्नों पर, बात मन की रेडियो पर,
चाल चलती चुनावों में, बड़ी चालू है ये सरकार।
हेट डिबेट टी.वी. पर, नहीं मुद्दों की चर्चा पर,
लोकतंत्र किया ग़ायब, बड़ा जादू है ये सरकार।
सिर आंखों पर बैठाया, जिस नेता को जनता ने,
उसे धरने पर बैठाया, क्या ही झांटू है ये सरकार।
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