तुमको सीने से लगा लेगा, मेरा दावा है
उसको जाते ही कोई सेर सुनाना मेरा...
-विशाल बाघ*
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कुछ ख्वाब हैं, जो फंदे से लटक रहे हैं
और ये दिन हैं, जो बड़े आराम स... read more
इतनी आँखे नही है दुनिया में
जितने चेहरे हैं तेरे चेहरे पे
हम तुझे देख ही नही पायें
इतनी नज़रे हैं तेरे चेहरे पे...
-विशाल बाघ*-
दानिशमन्दो! रश्ता बतला सकते हो
दीवाना हूँ, वीराने तक जाना है
जन्नत वाले थोड़ा पहले उतरेंगे
रिन्दों को तो मैख़ाने तक जाना है..
- विशाल बाघ*-
जिनसे बरसों की पहचान थी, छुट गयी
अजनबी आज से हम तुम्हारे हुए..
- विशाल बाघ*-
किन राहों से दूर है मंज़िल कौन सा रस्ता आसाँ है
हम जब थक कर रुक जायेंगे औरों को समझायेंगे..
-निदा फ़ाज़ली*-
कुछ दूर और साथ चलेंगे फिर बिछड़ जायेंगे
ये लोग सब अपने अपने घर चले जायेंगे
फिर किसी और से मिलेंगे, बात करेंगे
एक नये रिश्ते की शुरुआत करेंगे
ठहरेंगे, संभलेंगे और फिर बिखर जायेंगे
ये लोग सब अपने अपने घर चले जायेंगे
दोस्तों से मिलेंगें, फिर उनको बुलाएँगे
दो चार पल आख़री साथ बिताएंगे
उनसे मिलेंगें, और इस हद तक मिलेंगें
कि बहकेंगें नही ठाकुर, संभल जायेंगे
बड़ा प्यारा नाम दिया था उनको हमनें इश्क़ में
बस आख़िरी दफ़ा उस नाम को दोहरायेंगें
फिर ये आँखे नदी की तरह बहेंगीं
और हम दो किनारो से बिछड़ जायेंगे
तुम्हारी याद तो बहोत आयेगी
कुछ देर रो लेंगें और फिर मुस्कुरायेंगे
और सुनों अगर तुमने हमें ख़त नही लिखें
तो तुम्हे बेवफ़ा बुलाएँगे
ये लोग अपने अपने घर चले जायेंगे...-
जा रहे हैं परिन्दे, छोड़कर ये आशियाना
किसी का सफ़र खत्म, तो किसी को नया रास्ता बनाना
किस मोड़ पे लाकर छोड़ा है ये जिंदगी
न पुराना हुआ अपना, न नये का ठिकाना...-
" मैं तो सिर्फ अपने अब्बा पर चढ़ा हुआ क़र्ज़ चुका रहा हूँ "
-एक भारतीय शोधकर्ता (1993)*
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