अभी से मेरी हैसियत ना आंको
वक़्त के साथ मैं अपनी हालत सुधार लूंगा
भट्टी से निकले लोहे सा हूं मैं
कीमत तो तब पता चलेगी जब मैं आकार लूंगा-
कहने को मेरी परवाह है उसे
फिर भी मुझ पर गमों की बरसात करती है
हिम्मत तो देखो उसकी
ज़ख्म देके दिल नही भरा तो
अब आके मलहम लगाने की भी बात करती है-
मेहबूब तो कई मिले राहों में
लेकिन उनमें कभी मैं तुम्हे ना पा सका,
गले तो लगे वो भी पर ना जाने क्यों
उनकी बाहों में तुम्हारा प्यार ना भुला सका,
ता उम्र एक मलाल रहेगा जिंदगी में
एक इश्क किया था मैंने जिसे मैं निभा ना सका-
के यूं तो सबके लिए आम सा लड़का हूं मैं
पर वो मुझे मेरी खूबियों से पहचानती है
मेरी जिंदगी के जिस पहलू से अनजान है सब
वो उसे भी भली - भांति जानती है
मेरी जिस शक्सियत को गुमनाम रखा था मैने
वो उसे Anon कह के पुकारती है-
लो आ गया ये ज़ालिम हफ्ता
जो दिल टूटे आशिको को खूब रुलाएगा
जिसे भुला कर आगे बढ़ गए थे
उसकी कमी आज भी है
इस बात का एहसास कराएगा-
ना जाने किस ख्वाहिश
के पीछे भागे जा रहे हैं
मंज़िलो का हमे पता नहीं
और रास्तों को बदलते जा रहे हैं
गुमराह मंज़िलें है या हम पता नहीं
अब ख्वाहिशों की तलाश में
हम खुद को खोते जा रहे हैं-
किसी की याद में ना सही
पर अल्फजो को ज़ाहिर करने लगे हैं
शायर तो नहीं हैं हम लेकिन
शायरी करने लगे हैं-
तुझे जाना है तो जा
ये ना सोच की तेरे बिन मैं जीना छोड़ दूंगा
मैं इतना भी कमज़ोर नहीं , तू जा के तो देख
मैं अकेलेपन में ही सुकून दुंध लूंगा-
बचपन में हम ना जाने कितने सपने देखते हैं
कभी खुदको डॉक्टर तो कभी सिंगर बनते देखते हैं
लेकिन उम्र के साथ हम हालातों के आगे मजबूर हो जाते हैं
और ये सपने देखते ही देखते हमसे दूर हो जाते है-
यूं हर किसी को अपनी खुशियों में शामिल ना करो
वक़्त के साथ ये अपनी औकात दिखा जाते हैं
ये जो आज भीड़ खड़ी है ना साथ
बुरे वक़्त में इनमे से कुछ ही साथ खड़े नज़र आते हैं-