Ajay Punia   (jazbaat-E-doctor)
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Joined 24 July 2020


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Joined 24 July 2020
15 JUL 2023 AT 20:56

ग़म था दिल में जो हमने सबसे छुपाया
तुम खुश हो उसके साथ देखा मैंने
मगर
हम भी प्यार करते है तुमसे तुमको नहीं बताया
कभी बताया था सबको तुम मेरे हो
फिर तेरे बाद दिल में किसी को नहीं बसाया ।।

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15 JUL 2023 AT 20:48

कह देना उनसे मैं आया था
दिल का दरवाज़ा उनके
मैंने खटखटाया था
जगह थी नहीं मेरे ठहरने की उसमे
तो मैं वापस लौट आया था
अब कुछ है नहीं पास मेरे देने को उसे
सब कुछ तो
मैं उसके दरवाज़े पे छोड़ आया था ..!!

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4 AUG 2021 AT 1:04

एक दिन अकेले रह जाओगे
कहना चाहोगे बहुत सी बातें
मगर कह ना पाओगे
तड़पे है जैसे हम तुम्हें पाने को
तुम भी एक दिन यूँ ही
तड़पते रह जाओगे ।।

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4 AUG 2021 AT 0:46

मैं ही तो बोलता आया हूँ कब से
तुम भी तो कभी थोड़ी बात करो
थोड़ी अपनी कहो थोड़ी मेरी सुनो
बात करते करते यूँ ही
थोड़ी दूर तो साथ चलो
क्या हुआ जो आज अनजान हैं हम
तुम पुरानी ही बात करो मगर बात तो करो ।।

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28 MAY 2021 AT 3:08

मैं तुझे भूल जाऊँ ख़ैर ऐसा तो मुमकिन नहीं
और तुझे मैं याद आऊँ ऐसा भी तो मुमकिन नहीं
।।

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28 MAY 2021 AT 2:51

मिलते थे जिनसे ज़ोरों शोरों से गले
आज उनसे हाथ भी ना मिले
चले गए ना जाने कितने ही लोग
और
उनके अधूरे सपने डायरी में बंद मिले
अपने अपनों से दूर तो पहले ही थे
अब सरकार कहती है कोई किसी से ना मिले
कहने तो तो क़ानून ववस्था बहुत बड़ियाँ है
फिर भी ना जाने कितने ही लोगों के पास नक़ली रमडीसविर के इंजेक्शन मिले
किसी गरीब को बेड ना मिले
किसी को ऑक्सिजन ना मिले
तो किसी को कब्र और शमशान में जगह ना मिले
और सरकार कहती है की ऑक्सिजन का रोना अगर रोना है तो भाई हमसे ना मिले
फिर भी हर जगह इलेक्शन के परिणाम उचित मिले
सरकार कहती है ये हमारा आप से अनुरोध है की ग्रूप में कोई ना मिले
लेकिन इलेक्शन कैम्पयन में 1.5 - 2 लाख़ तो ज़रूर मिले
ना जाने कितने ही महीने से किसान बैठे है टिकरी बॉर्डर पर अपने हक़ के लिए लेकिन साला पता नहीं इंसाफ़ कहाँ है जो उनको आज तक ना मिले
वाह रे सरकार भगवान करे जितने भी लोगों ने बद्दुआ दी है तुझे वो तुझे जल्द ही मिले ..

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17 APR 2021 AT 6:39

उसमें मुझ ग़रीब का एक ख़ज़ाना है
जो मैंने तेरे नाम लिखवाना है
बेशक़ीमती तो नहीं है
मगर
तुम आना एक बार मिलने मुझ से
मैंने वो बेशक़ीमती बनाना है
।।

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5 APR 2021 AT 5:03

दुखी पड़ा है
हाल पूछो तो सब कुछ बताने को पीछे पड़ा है
सच में यार लोग इश्क़ में कितने पागल हो जाते है ना
जो हर कोई अपने नाकाम इश्क़ की कहानी बताने को
एक दूसरे के पीछे पड़ा है ।

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2 APR 2021 AT 5:22

वो तोहफ़े तुम्हारे जन्मदिन के मेरे पास ही रह गए
कितने मजबूर हैं ना हम वक़्त के हाथों
तुम अपने शहर में हम अपने शहर में रह गए
याद है तुमको वो बस स्टैंड
जहाँ तुम हाथ हिलाते और हम बस में चढ़ते रह गए
गले भी मिलना था यार
सच में कितने काम बाक़ी रह गए
।।

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2 APR 2021 AT 5:11

एक चिड़िया बार बार आ रही थी
बैठ के खिड़की पे मेरी वो चहक रही थी
समझा नहीं मैं उसकी बात मगर वो मेरी टेबल पे रखी
तुम्हारी फ़ोटो की ओर अपने पंख फैला रही थी
हाँ कह देना पागल मुझे
मगर सच में मुझे लगता है वो तुम्हारी खिड़की से आई थी
और वो मुझे तुम्हारी बात बता रही थी ।

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