मेरे अपनो का बदलने का दुख नहीं मुझे,
में तो अपने यकीन पर शर्मिंदा हूं।।-
Dil to tootna hi tha.
कृष्णा जी, राधा रानी जी
मेरी भी कहानी आपकी तरह है।
मेरा भी प्यार आधा - अधूरा रेह गया,
मुझे भी मेरा इश्क नहीं मिला।।-
इश्क कभी कभी तुम्हारी बातों से लगता है,
मुझे की मुझसे दूर जा रहे हो तुम। इश्क!
बस तुम मुझसे दूर ना हो जाओ इसलिए,
में उसकी सारी बाते मान लिया करता हु।।-
दुआ में मौत मांगता हुआ ये लड़का
कभी इस दुनिया को खुश रहने के
हजारों बहाने दिया करता था।।-
कर्जदार रहूंगा पूरी जिंदगी तेरा में, इश्क!
ये जानते हुए भी तूने मुझसे प्यार किया बेशुमार।
की में तेरे हिस्से कभी नही लिखा जाऊंगा।।-
की उसने मुझे इस कदर चाहा,
मेरे अंदर मेरा कुछ छोड़ा ही नहीं।
अब क्या करू इस नाम के साथ
जी कर, इश्क
जब मेरे अंदर मेरा कुछ बचा ही नहीं।।-
एक नाम जिक्र तुम्हारा, एक तुम फिक्र तुम्हारी।
इश्क! बस इन्ही बातों में दिन निकल जाता है।।-
रब से यही दुआ है, इश्क!
तुम्हारा हमदर्द ना सही, लेकिन
तुम्हारे हर दर्द की दवा बन जाऊ।।-
अपनी उदासी मुझे दे दो,
इश्क!
मेरे हिस्से का भी तुम मुस्कुराया करो
मुझे हस्ते हुए तुम बहुत अच्छे लगते हो।।-
ना जाने क्यों तेरे मेरे प्यार के दुश्मन,
बने बैठे है ये जालिम जमाने के लोग, इश्क!
ना हम एक दूसरे से मिल पाते है
ना देख पाते है ना बात कर पाते है।।-