“बेमतलब से तो देखा ना होगा उसने.. मेरी ओर..
वरना वो कमजर्फ.. कभी मेरी परछाईं से भी कतराता था..”-
Tweeter... @iamajaykumarsha
किताबें भी बिल्कुल मेरी तरह... read more
“चलो ना साथ चलते हैं समंदर के क़िनारे तक,
किनारे पर ही देखेंगे क़िनारा कौन करता है..”
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“बार बार आपके इस्तकबाल का ये मायने तो नहीं
की हमने अपने दास्तार से सौदा कर लिया..”-
हां हैं एक नाकामयाब कोशिश हमारी की,
उनके चेहरे पर मुस्कुराहट ला पाएंगे..
मगर हमें कहा पता की उनके इस
उदासी और नाराज़गी की वज़ह कोई अपना है..
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कुछ बातें अच्छी भी लगती हैं
और कुछ बुरी भी..
मगर अफ़सोस उस समय उसे
कभी समझा ही नहीं गया..-
किसी भी पुरुष के लिये सबसे कठिन परिस्थिति तब पैदा होती है जब किसी स्त्री ये विश्वास दिलाना की मुझे तुम्हारी देह से नही तुम्हारे हृदय से प्रेम है..❤❤
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मातृत्व दिवस की शुभकामनाएं।🌸
मां जिसको शब्दों में समेट पाना, जिनके त्याग और समर्पण को गिन पाना असंभव है, जिन्होंने सम्पूर्ण सृष्टि को पिरो कर रखी हुई है.. जिनकी परछाई हम स्वयं है.. उनके लिए मैं क्या कहूँ!🙏
मेरे सभी मित्रों व इस धरा की सभी माताओं को आज मातृत्व दिवस की शुभकामनाएं..।🌸
#HappyMothersDayToAllMother's-
सूरत का अहंकार…
आख़िर कब तक…
एक दिन उसे भी तो ढल जाना है… ना!!-
“मेरी खासियत है, मैं ज्यादा बोलता नहीं..
वरना तुमने मुझे मौक़े, बहुत बार दिए है..”-